परमेश्वर प्रगट हुए - नये नियम की यात्रा भाग 3 - शक्तिशाली पत्रSample

2 पतरस - पौ फटने से पहले अंधेरा
किसी समय में डरपोक रहा पतरस बड़ी हिम्मत के साथ मृत्यु की आशा करता है। वह हमें ज्योति में जीने तथा “अंधकार मय युग” से निपटने के लिए तैयार करता है।
ज्योति में जीवन व्यतीत करना(2 पतरस 1)
केवल जीवन निर्वाह करना नहीं वरन ”अन्धकार में एक ज्योति के समान चमकने“ के लिए (1 पतरस 1:19) परिश्रम करने की लगन की आवश्यकता पड़ती है। लगन का अर्थ ”विशेष तौर पर परमेश्वर के साथ सम्बन्ध बनाने की दिशा में,निरन्तर कठिन परिश्रम करना और सहना“ होता है। लगन में अपने हृदय की सुरक्षा करना और रत्ती भी अंधकार को हावी नहीं होने देना शामिल है (नीतिवचन 4:23)। लगन के साथ साथ प्रभावशाली बनने के लिए ईश्वरीय शक्ति को होना बहुत ज़रूरी है (2 पतरस 1:3-5)।
झूठ बोलने वाले अगुवे (2 पतरस 2)
वे हर जगह पर मौजूद हैं। हमें उन्हें सूंघकर पहिचानने में सक्षम होने की आवश्यकता है। उनके लक्षण निम्नलिखित हैंः
नाश करने वाले पाखण्ड का उद्घाटन करेगें (2पतरस 2:1)
लोभ के लिए बातें गढ़ेगें (2 पतरस 2:3,14)
ढीठ,अपनी इच्छाओं को पूरा करने वाले (2पतरस 2:10)
स्वर्गदूतों को भला बुरा कहते हैं (2पतरस 2:10) (उदाहरण,अहंकार के साथ शैतान को डांटेंगे)
सुख विलास और भोग विलास में जीवन बिताएंगे (2पतरस 2:13,14)
चंचल मन वालों को फुसला लेते हैं (2 पतरस 2:14)
सीधे मार्ग को छोड़कर भटक जाते हैं (2 पतरस 2:15)- उनकी कथनी और करनी में अन्तर होता है।
देखने में ऐसा प्रतीत होगा कि वे ऊंचाईयों को छू रहे हैं लेकिन उनका भविष्य बर्बाद और विनाशकारी है (2पतरस 2:3,4,12,17)। परमेश्वर धर्मी जन को बचाएंगे और उसकी रक्षा करेगें। (2पतरस 2:9)।
अन्त के दिन( 2 पतरस 3)
बाइबल में “परमेश्वर के बहुत से दिनों” पर चर्चा की गयी है। “वह दिन” अपने आप में परमेश्वर के न्याय को समावेशित करता है। परमेश्वर के समय और हमारे समय में अन्तर है (2पतरस 3:8)। ये अंतिम समय में होने वाले विनाश की चेतावनियां हैं। पतरस के द्वारा दी गयी एक चेतावनी पराकाष्ठा प्रतीत होती है,जिसमें आकाश और पृथ्वी अग्नि के द्वारा नष्ट हो जाते हैं,और नये आकाश और नयी पृथ्वी का उदय होता है।(2पतरस 3:6,10)
किसी को भटकने के लिए नहीं छोड़ते (2पतरस 3)
परमेश्वर द्वारा की जाने वाले देरी उसके धीरज को दर्शाती है,जिसके माध्यम से वह अधिकतर लोगों को अपनी ओर फिरने का अवसर प्रदान करता है। ”प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता,जैसी देर कितने लोग समझते हैं;पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है और नहीं चाहता,कि कोई नाश हो;वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।“ (2 पतरस 3:9)।
क्या धरती फिर बीते दिनों के समान इस तरह नाश हो जाएगी कि उसमें उद्धार पाने के लिए जीवित ही नहीं बचेगा?
क्या हम भटके हुए लोगों को बचाने की चाह रखते हुए अपने भीतर परमेश्वर का धीरज रखते हैं?
परमेश्वर की ओर देखते हुए (2 पतरस 3)
जब हम शतप्रतिशत धर्मी संसार के लिए आशा करते और अपने जीवन में निरंतर धार्मिकता में बढ़ने का प्रयास करते हैं तब संसार और आस पास की कलीसियाओं में निराश होने का कोई कारण नहीं मिलता।
अन्धकार से घिरे होने के बावजू़द,क्या हम ज्योति में जीवन व्यतीत करते हैं?
Scripture
About this Plan

उन्होंने प्रारम्भिक कलीसिया को हिला दिया था। यीशु के सबसे नज़दीकी चेलों यूहन्ना,पतरस, उसके भाई याकूब और यूहन्ना के द्वारा लिखी पत्रियां, लोगों के विचारों को लगातार प्रभावित करती हैं। वे अंधकार की शक्तियों और अंधकारमय युगों के आक्रमणों का सामना करने तथा उस से सुरक्षा पाने के लिए हमें तैयार करते हैं।
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