परमेश्वर प्रगट हुए- नये नियम की एक यात्रा भाग 4 - प्रकाशित वाक्य, अंतिम सीमाSample

अन्त समय के चिन्ह
अंतिम दिन के निकट आने के उत्साह और बहस के बीच,अन्तिम दिन के चिन्ह यह हैं कि झूठे भविष्यद्वक्ता झूठे चिन्हों के माध्यम से खलबली मचा रहे हैं। बाइबल इस बारे में क्या कहती है? यह कोई एक घटना नहीं है,जो हमें “अंतिम दिन” का सुराग प्रदान करती है वरन यह एक सम्पूर्ण पारिस्थितिकी प्रणाली,घटनाओं की एक श्रृंखला है जो प्राकृतिक और मानव शक्तियों के एक साथ होने का प्रतीक है।
जैसे जैसे परमेश्वर के उद्धार का संदेश जगत के अंतिम छोर को भेदता है,परमेश्वर अपनी योजना के अगले चरण को प्रारम्भ करते हैं- अर्थात इस्राएल को एकत्र करके,पवित्र शहर यरूशलेम से शासन करने की योजना बनाते हैं।
प्रकाशन की समय-रेखा
हालांकि सटिक तिथियों का उल्लेख नहीं किया गया है,लेकिन सामान्तर तथा आनुक्रमिक घटनाओं के बारे में संकेत दिया गया है। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक की घटनाएं अधिक या कम आनुक्रमिक हैं।प्रकाशितवाक्य12 में ऐसे के जैसे अनुच्छेद भी हैं जिनमें समय की व्यापक चौड़ाई को समावेशित किया गया है। स्वर्ग और पृथ्वी पर घटने वाली कई घटनाएं दुविधा उत्पन्न कर सकती हैं जिसके परिणामस्वरूप भिन्न दृष्टिकोण सामने आ सकते हैं।
चलिए हम बड़ी तस्वीर पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए छोटी छोटी बातों को नज़रअन्दाज़ करने का प्रयास करते हैं।
प्रकाशनों की अनुक्रमः
1- कलीसियाई काल- 30 ईसा पश्चात के बाद से (प्रकाशितवाक्य1-3)
1. अन्त समय के चिन्ह,महाक्लेश,रैप्चर अर्थात कलीसिया का उठा लिया जाना,दूसरा आगमन (प्रकाशितवाक्य4:18) महाक्लेश की समयावधि 7 वर्षों की है और इस बीच में ही मसीह का दूसरा आगमन हो जाएगा। कई शास्त्री बहस करते हैं कि रैप्चर किस स्थान पर होगा। वास्तव में देखा जाए तो,पहला (पुनरूत्थान) कम से कम तीन बार नज़र आता है। मेरे विचार से रैप्चर का संबंध दूसरे पुनरूत्थान से है- जिसमें संतों को “झपट के उठा लिया जाएगा।”
· यीशु की मृत्यु के समय (मत्ती 27:51-52)
· जब संत लोग (मृतक, परन्तु उस समय पर जीवित थे) पलक झपकते ही उठा लिये जाएगें (1कुरिन्थियों15:52,1थिस्सलुनीकियों4:16-17); महाक्लेश के प्रारम्भ होने से पहले)। “उठाये जाने” को सामान्यतः रैप्चर कहा जाता है।
· बाकि बचे हुए संत रह गये या कलेश के दौरान मसीह के पास आए (अर्थात महाक्लेश के अन्त के में) वे भी पुनर्जीवित हो गये – प्रकाशित वाक्य 20:4।
3. सहस्राब्दि (प्रकाशित वाक्य 19,20 क) - पृथ्वी पर मसीह के शासन के 1000 वर्ष।
4. .न्याय (प्रकाशित वाक्य20ख)
5. नया स्वर्ग और नयी पृथ्वी,नया युग (प्रकाशित वाक्य21)।
कलीसियाई काल के अन्त में,हम गवाही देते हैंः
· इस्राएल का एकत्र किया जाना- 14 मई 1948इस घटना की भविष्यद्वाणी यशायाह 11:12, 27:6 और यशायाह 66:8 के अलावा अन्य कई स्थानों में भी की गयी थी। 14 मई 1948में इस देश का पुर्नजन्म हो गया।
· इस युग के प्रारम्भ में प्रगट होने वाले चिन्ह (प्रकाशित वाक्य6,7)7 मुहरें निम्न बातों को प्रगट करती हैं।
· पतन,लोगों के धोखे को (2 तिमुथीयुस 2:1-14,2थिस्सलुनीकियों2:3-4)
· सारे संसार भर में अर्थात प्रत्येक गोत्र और जाति को सुसमाचार सुनाया जाएगा (मत्ती 14:14,प्रकाशितवाक्य.7:9)।
· अंतरिक्ष में और धरती पर चिन्ह- सूर्य और चन्द्रमा अंधेरा हो जाएगा,तारे गिरने लगे,शक्तियां हिलाई गयीं इत्यादि। (मत्ती24:29-32)मसीह के दूसरे आगमन से पहले ये सारी घटनाएं घटित हो रही हैं।
क्या हम अपने आस पास आत्मिक माहौल को पाते हैं?क्या हम अपने आप को और दूसरों को केवल वर्तमान जीवन के लिए तैयार कर रहे हैं,या हमारे सामने रखे शानदार परिपूर्ण जीवन के लिए?
Scripture
About this Plan

संसार का अन्त कैसे होगा? भविष्य कैसा होने जा रहा है? बाइबल की सबसे रहस्यमय मानी जाने वाली पुस्तक, जिसे भविष्य के दृष्टिकोण से सबसे स्पष्ट माना जाता है,प्रकाशितवाक्य की पुस्तक है। यदि हम विभाजित व पदभ्रष्ट करने वाले विचारों में न फंसे तो, इसमें एक योजना को सरल और स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है।
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