योना की संस्कृति को तोड़नाSample

भलाई की संस्कृति
निनवे के लोगों ने सीधे तौर पर, परमेश्वर की भलाई और उसके तरस का अनुभव किया । जब प्रभु ने उन लोगों को सच्चे मन के साथ पश्चाताप करते हुए देखा तो उसने उन लोगों को नाश नहीं किया ।
योना को बिल्कुल यकीन नहीं हुआ कि जो लोग इतने घोर पाप करने वाले और दुष्ट हैं उन्हें प्रभु इतनी आसानी से कैसे क्षमा करत सकते हैं। लेकिन वह इस बात को भूल गया कि उसे स्वयं जीवन और सेवा में मिले दूसरे मौके के माध्यम से अनुग्रह और बहाली मिली थी ।
क्या ऐसा ही हमारे साथ में भी नहीं होता है ? हम भूल जाते हैं कि हमें किस तरह से क्षमा किया गया है और हम दूसरों की गलतियों, उनकी उजाड़ अवस्था, उनके बाहरी रूप को देखकर उनकी यात्रा या उनके जीवन के बारे में कुछ जाने बिना ही तुरन्त अपना कठोर फैसला सुना देते हैं ।
पूर्वधारणा बना लेना एक बुरी आदत है जिससे लोगों को चोट पहुंचती है और रिश्ते खत्म हो जाते हैं । हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा परमेश्वर दूसरा मौका देने वाला, बिना माप के क्षमा करने वाला और लगातार प्रेम करने वाला परमेश्वर है । हमें हर समय भलाई करनी चाहिए तथा अपने मन से दूसरों का न्याय करने या दोष लगाने का विचार निकाल देना चाहिए । इसके लिए अनुशासन व पवित्र आत्मा द्वारा नए मन की जरूरत होती है ।
प्रभु यीशु इस संसार में पापी मनुष्य का, सिद्ध परमेश्वर के साथ मेलमिलाप कराने के लिए आये थे । अब उन्होंने उस जगह पर हमें मेल मिलाप की सेवकाई सौंपी है जहां पर हम लोगों की प्रभु में अगुवाई करते हैं ताकि वे अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर के साथ जुड़ सकें । यदि हम पक्षपात या भेदभाव करते हैं तो लोग हमारे भीतर कभी परमेश्वर को कभी नहीं देख पाएंगें और हम अनजाने में उस व्यक्ति और हमारे बीच में एक दीवार खड़ी कर देगें ।
प्रेरित पतरस का जिस तरह और संस्कृति में पालन-पोषण हुआ था उसके आधार पर कुछ तरह के मांस को अशुद्ध माना जाता था, लेकिन पवित्र आत्मा ने उसे निरुत्तर किया और समझाया कि जिसे परमेश्वर ने शुद्ध ठहराया है वह उसे अशुद्ध न कहे । पतरस की थोड़ा बहुत समझ में आ गया था यह पवित्र आत्मा के उस काम का आमुख है जो वह पहले ही अन्यजातियों के हृदयों में कर रहा था और जिसके द्वारा सुसमाचार सच में, जगत के छोर तक पहुंच जाएगा। पतरस आज्ञा पालन करते हुए कुरनेलियुस के वहां उसकी और उसके घराने के लोगों में सेवा निभाता है और वहां से कलीसिया के नये युग का आरम्भ हो जाता है ।
पूर्वधारणा कलीसिया में पवित्र आत्मा के असीमित बहाव को बाधित करती है । स्वीकृति और प्रेम एक सेतू का काम करते और पवित्र आत्मा को स्वतन्त्र रूप से नियन्त्रण करने में मदद करते हैं ।
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योना की पुस्तक एक ऐसा महान रास्ता है जिसके द्वारा हम बाइबल में दर्पण के समान अपने जीवन का अध्ययन कर सकते और हमारे छुपी हुई धारणाओं और गलतियों का पता कर सकते हैं और इसी बीच में हम यह भी पता लगा सकते हैं कि जिस स्थान पर परमेश्वर ने हमें रखा है उस क्षेत्र में हम परमेश्वर की सेवा कैसे कर सकते हैं ।
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