अनमोल समय...अनंतता के महत्वपूर्ण पलSample

परमेश्वर की खबर सही है
क्या आपने हाल ही में ऐसा सुना था कि आप अपने स्वप्न नौकरी के लिए योग्य नहीं हो? क्या डाक्टर ने अभी आपसे कहा है कि आपको कैंसर है? क्या शेयर मार्केट के दाम बिल्कुल गिर गये है? हम सबने कभी न कभी कुछ बुरे समाचार अवश्य सुने होंगे - ऐसी खबर जिसे सुनकर हमारा कलेजा कांप उठता है। खैर, अंदाज़ा लगाईए! जब हम परमेश्वर पर भरोसा रखते और अपना हृदय उनकी ओर एकाग्र करते हैं, तो हमें बुरे समाचार से डरने की जरूरत नहीं है। यहां तक कि, इसका हम पर कोई प्रभाव नहीं होता!
हां, कई बार निराशाएं और मायूसी हमारे रास्ते में पड़ सकती है, लेकिन वे कभी हमें डगमगा नहीं सकती। हम स्थिर बने रह सकते हैं और जान सकते हैं कि वह हमारा परमेश्वर है।
बुरे समाचार हमारे भविश्य को निर्धारित नहीं करते! जो बात वास्तव में मायने रखती है, वह यह है कि परमेश्वर को क्या कहना है। हमें परमेश्वर पर भरोसा रखते हुए केवल दृढ़ बने रहने की जरूरत है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस तरह की आशा हमें कभी निराष नहीं करती (रोमियों 5:5)।
आज, इस बात का पता लगाएं कि आपके बारे में परमेश्वर की खबर क्या कहती है! क्या वह आपको अयोग्य घोषित करता है? नहीं, वह कहता है कि आप मसीह यीशु में सबकुछ कर सकते हो जो आपको सामर्थ देता है (फिलिप्पियों 4:13)। क्या वह आपको बीमार घोषित करता है? नहीं, वह कहता है कि यीशु के कोड़े खाने से आप चंगे हो गये हो (यषायाह 53:5)। क्या वह यह घोषित करता है कि आप गरीब हो? सवाल ही नहीं उठता! वह कहता है कि वह मसीह यीशु में अपनी महिमा के धन से आपकी सभी जरूरतों को पूरा करेगा (फिलिप्पियों 4:19)।
आप पराजित नहीं होंगे! परमेश्वर ने खुद आपके रिपोर्ट कार्ड को लिखा है और इसमें उन्होंने आपको एक बड़ा ‘‘ए प्लस” दिया है। इसलिए, आपका मन व्याकुल न हो; चिंता छोड़ें और अपने आप पर तरस खाना बंद करें और उठ जाइए। दृढ़ बनें, परमेश्वर पर भरोसा रखें जब तक कि आप अपने जीवन में उस ‘‘ए प्लस” को वास्तविक होते हुए नहीं देख लेते
घोषणा
मैं हर समय परमेश्वर पर भरोसा रखूंगा। मैं बुरे समाचार से कभी विचलित नहीं होऊंगा, क्योंकि मैं मेरे विषय में परमेश्वर की खबर विश्वास करने का चुनाव करता हूं।
Scripture
About this Plan

प्रतिदिन के मनन को पढ़िए और पवित्रशास्त्र की आयतों का मनन कीजिए। एक जीवन परिवर्तित करने वाली गवाही या परमेश्वर के अलौकिक सामर्थ के प्रदर्शन को पढ़ने के बाद कुछ समय के लिए रूकें। अंत में दी गई प्रार्थना या घोषणा के अर्थ को समझते हुए उसे दोहराएं। इस बात को जानें कि परमेश्वर के जिस प्रेम और सामर्थ को लेखकों ने अनुभव किया था, वह आपका भी हो सकता है।
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