जब रूए ज़मीन पर इन्सानों की तादाद बढ़ने लगी और उन के बेटियां पैदा हुईं, तो ख़ुदा के बेटों ने देखा के आदमियों की बेटियां ख़ूबसूरत हैं, और उन्होंने जिन-जिन को चुना उन से शादी कर ली। तब याहवेह ने फ़रमाया, “मेरी रूह इन्सान के साथ हमेशा मुज़ाहमत न करती रहेगी क्यूंके वह फ़ानी है। उस की उम्र एक सौ बीस बरस की होगी।”
उन दिनों में ज़मीन पर बड़े क़दआवर और मज़बूत लोग मौजूद थे बल्के बाद में भी थे जब ख़ुदा के बेटे इन्सानों की बेटीयों के पास गये और उन से औलाद पैदा हुई। ये क़दीम ज़माने के सूरमा और बड़े नामवर लोग थे।