यि लोकसबलग ज्याके कह,
‘सुनैले त तुसब सुनैचिही, महज नै बुझैचिही,
ताकैले त ताकैचिही, महज नै देखैचिही!’
कथिलेत यि लोकसबके हिरदय कठोर छै,
ओकरसबके कान बैहर भेल छै,
तब उसब आपन-आपन आँख बन कैरलेने छै!
नै त उसब देखतियै,
सुनतियै आ मनसे बुझतियै, तब उसब मन फिराके हमर दिसन घुइमके एतियै
आ हम ओकरासबके तन्दरुस्त बनाइतियै।”