परेरित 28:26-27

परेरित 28:26-27 MTHB

यि लोकसबलग ज्‍याके कह, ‘सुनैले त तुसब सुनैचिही, महज नै बुझैचिही, ताकैले त ताकैचिही, महज नै देखैचिही!’ कथिलेत यि लोकसबके हिरदय कठोर छै, ओकरसबके कान बैहर भेल छै, तब उसब आपन-आपन आँख बन कैरलेने छै! नै त उसब देखतियै, सुनतियै आ मनसे बुझतियै, तब उसब मन फिराके हमर दिसन घुइमके एतियै आ हम ओकरासबके तन्‍दरुस्‍त बनाइतियै।”

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