“मे आमनी जुगु एतरोत नी वीन्ती करतो, पण तीमनी जुगु बी वीन्ती कर र्यो, जे आव्वा वाळा दाड़ा मे आमनी वात ह़मळीन मारी पोर भरहो करहे।”
“मे वीन्ती करु, के तीहया आखा एक हय जाय। ए बाह! जीसम तु मारी मे से अने मे तारी मे, तेमेत हीय्या बी अमारी मे एक हय जाय, आनी सी कळी ने भरहो हय जहे के तु मने मोकल्लो से।