यीशु के समान प्रार्थना करना सीखनाSample

नबूवत के साथ प्रार्थना करना सीखना
प्रार्थनाएं भविष्यसूचक घोषणाएं होती हैं। कम से कम उन्हें ऐसा होना चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हमारी प्रार्थनाएं प्रायः चिड़चिड़ाहट व आत्महीनता से भरी होती हैं। हम अपनी प्रार्थनाओं में शिकायत करते,बड़बड़ाते,और डींगें मारते हैं। हालांकि हम यह सब कुछ निश्चय तौर पर कर सकते हैं,क्योंकि हम परमेश्वर के सिंहासन के सामने जैसे हम हैं वैसे ही आ सकते हैं,लेकिन हमें इस स्तर से ऊपर उठना,और अपनी धूल झाड़कर केवल अपने जीवन में चल रही गड़बड़ियों की बजाय उन बातों को बोलना होगा जो परमेश्वर ने अपने भण्डार में हमारे लिए रखी हैं।
भविष्यद्वाणी का अर्थ भविष्य के बारे में पहले से बताना नहीं है परन्तु इसका अर्थ उन बातों की घोषणा करना है जो परमेश्वर ने अपने वचनों में हमारे और हमारे जीवन की परिस्थितियों के बारे में आदेश के तौर कही हैं। भविष्यद्वाणी का अर्थ विश्वास की आंखों का इस्तेमाल करना है,जो अनदेखी बातों को देख सकती है,और हर परिस्थिति और संघर्ष में परमेश्वर के वचन का दावा करना है।
इस प्रकार की प्रार्थनाएं केवल तब ही की जा सकती हैं जब प्रार्थनाओं के भविष्यसूचक होने व हमारी भावनाओं पर आधारित न होने के लिए हमारे हृदयों में परमेश्वर का वचन छिपा होता है। जब हम वचनों को पढ़ने और सीखने लगते हैं,तब हम उन्हें अपनी दैनिक परिस्थितियों में भी उपयोग करना प्रारम्भ कर देते हैं। ये प्रार्थनाएं शक्तिशाली होती हैं जो आत्मिक वातावरण से बात करती हैं और विश्वास के माहौल की रचना करती हैं।
भविष्यसूचक प्रार्थनाएं हमारे जीवन की कथा की रचना करती हैं,क्योंकि उनसे हमें परमेश्वर की प्रतीक्षा करना तथा इस धरती पर परमेश्वर के राज्य को देखने की प्रेरणा मिलती है। वे हमारे विश्वास को दृढ़ बनाती और पवित्र आत्मा को हमारे जीवन में आलौकिक तौर पर कार्य करने और उसमें अविश्वसनीय परिवर्तन करने का अधिकार प्रदान करती हैं।
Scripture
About this Plan

मसीही जीवनों में प्रायः प्रार्थना नज़रअन्दाज़ होती है, क्योंकि हम सोचते हैं कि परमेश्वर सब जानते हैं,हमें उसे बताने की ज़रूरत नहीं है। यह योजना आपके जीवन को पुनः व्यवस्थित करने में सहायता करेगी जिससे आप योजनाबद्ध तरीके से अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा को जानने के लिए समय निकालेगें और प्रार्थना का उत्तर मिलने तक प्रार्थना करेगें। प्रार्थना सभी बातों की प्रथम प्रतिक्रिया है,अन्तिम विकल्प नहीं।
More
Related Plans

Positive and Encouraging Thoughts for Women: A 5-Day Devotional From K-LOVE

Am I Really a Christian?

16 Characteristics of the God-Kind of Love - 1 Corinthians 13:4-8

Reimagine Influence Through the Life of Lydia

The Holy Spirit: God Among Us

Overcoming the Trap of Self-Pity

Sharing Your Faith in the Workplace

Living Like Jesus in a Broken World

Who Am I, Really? Discovering the You God Had in Mind
