लुक 17:4

लुक 17:4 NST25

जर तो एका दिहोम हांत वारी तियाआ पायहोअ विरुद्दाम गुनू कोए, आन हांतू वारी ताआ जागे आवित कोय के ‘आंय ओमें रोत एहें ने कोओ,’ ताहां तियाहा तु माफ कोअहूं जोवे.”

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