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आमाल 59:7-60
किताब-ए-मुक़द्दस, उर्दू हमअस्र तरजुमा
URHCV
जब वह इस्तिफ़नुस पर पत्थर बरसा रहे थे तो आप ये दुआ कर रहे थे, “ऐ ख़ुदावन्द येसु, मेरी रूह को क़ुबूल फ़रमा।” फिर उन्होंने घुटने टेक कर ज़ोर से पुकारा, “ऐ ख़ुदावन्द, ये गुनाह उन के ज़िम्मे न लगाना।” ये कहने के बाद, वह मौत की नींद सो गये।
ប្រៀបធៀប
រុករក आमाल 7:59-60
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आमाल 49:7
“ ‘आसमान मेरा तख़्त है, और ज़मीन मेरे पांव की चौकी। तुम मेरे लिये किस क़िस्म का घर तामीर करोगे? ख़ुदावन्द फ़रमाते हैं। या मेरी आरामगाह कहां होगी?
រុករក आमाल 7:49
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आमाल 57:7-58
ये सुनते ही लोग ज़ोर से चिल्लाये और, अपने कानों में उंगलियां दे लीं, और एक साथ इस्तिफ़नुस पर झपट पड़े। और इस्तिफ़नुस को घसीट कर शहर से बाहर ले गये और आप पर पत्थर बरसाने लगे। इस दौरान, गवाहों ने अपने चोग़े को उतार कर साऊल नामी एक जवान आदमी के पास रख दिये।
រុករក आमाल 7:57-58
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