२ कोरन्थी किताबके परिचय
किताबके परिचय
यि चिठी पावल कोरिन्थके लोकसबके पहिल्का चिठीके एक-दुइ बरिसके बाद लिखने छै। पावल यि चिठी माकेडोनियासे लगभग इस्वी सम्बत ५५-५७ मे लिखने रहै।
पावल आपन पहिल्का चिठीके अरती देल आ हपकेलाके कारनसे कोरिन्थके लोकसब अइ चिठीके खुसिसाथ सुइकार नै करल्कै आ मन्डलीके कतहेक लोक पावलके बिरोध करल्कै। तैल्याके पावल एफिसस सहरसे एकटा करा चिठी लिखके आपन सहकरमी तितसके हाथसे कोरिन्थमे पठ्यादेल्कै (२ कोरन्थी २:३)। यि चिठी हर्याल छै, एकर कोनो परतिलिपी नै छै।
जब तितस कोरिन्थसे जल्दिए नै घुम्लै, तब पावल उतर गिरिसके माकेडोनिया परदेसमे गेलै, जते उ तितसके भेटाइल्कै (२ कोरन्थी २:१२-१४)। जब पावल कोरिन्थके लोकसब आपन गल्ती सुइकार कैरके पस्चताप करल्कै कैहके तितससे थाह पाबल्कै तब पावल कोरिन्थके लोकसबके तेसर चिठी लिखल्कै, जे अखुन “कोरन्थीसबके पावलके दोसर चिठी” कहैछै।
पावलके औरो चिठीसबसे कोरन्थीसबके यि दोसर चिठी बेक्तिगत तवरसे लिखने छै। पावल केहन किसिमके लोक छेलै से बात एह्या चिठीसे हमसब थाह पाबैले सकैचियै।
बिसय-सुची
परिचय १:१-११
पावल आ कोरन्थीके मन्डली १:१२-७:१६
यहुदियामे भेल खिरिस्टियनसबके लेल दान८:१-९:१५
पावल आपनेके परेरित कैहके घोसना करल्कै १०:१-१३:१०
समाप्ती १३:११-१३
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२ कोरन्थी किताबके परिचय: MTHB
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