नीतिवचन 16:3-9
नीतिवचन 16:3-9 HINCLBSI
अपना कार्य प्रभु को सौंप दो, तो तुम्हारी योजनाएं अवश्य सफल होंगी। प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा! प्रत्येक अहंकारी व्यक्ति से प्रभु घृणा करता है; मैं निश्चय के साथ कहता हूं: प्रभु उसको अवश्य दण्ड देगा। दुष्कर्म का प्रायश्चित्त करुणा और सच्चाई है; प्रभु की भक्ति करने से मनुष्य बुराई से बचा रहता है। जब प्रभु मनुष्य के आचरण से प्रसन्न होता है, तब वह उसके शत्रुओं को भी उसके मित्र बना देता है। अन्याय से कमाए गए अपार धन से, धर्म से कमाया गया थोड़ा धन श्रेष्ठ है! मनुष्य मन में अपना मार्ग तो निश्चित करता है पर उस पर चलना, यह प्रभु के हाथ में होता है।