1
मुकाशफ़ा 1:8
किताब-ए मुक़द्दस
रब ख़ुदा फ़रमाता है, “मैं अव्वल और आख़िर हूँ, वह जो है, जो था और जो आनेवाला है, यानी क़ादिरे-मुतलक़ ख़ुदा।”
Compare
Explore मुकाशफ़ा 1:8
2
मुकाशफ़ा 1:18
मैं वह हूँ जो ज़िंदा है। मैं तो मर गया था लेकिन अब देख, मैं अबद तक ज़िंदा हूँ। और मौत और पाताल की कुंजियाँ मेरे हाथ में हैं।
Explore मुकाशफ़ा 1:18
3
मुकाशफ़ा 1:3
मुबारक है वह जो इस नबुव्वत की तिलावत करता है। हाँ, मुबारक हैं वह जो सुनकर अपने दिलों में इस किताब में दर्ज बातें महफ़ूज़ रखते हैं, क्योंकि यह जल्द ही पूरी हो जाएँगी।
Explore मुकाशफ़ा 1:3
4
मुकाशफ़ा 1:17
उसे देखते ही मैं उसके पाँवों में गिर गया। मैं मुरदा-सा था। फिर उसने अपना दहना हाथ मुझ पर रखकर कहा, “मत डर। मैं अव्वल और आख़िर हूँ।
Explore मुकाशफ़ा 1:17
5
मुकाशफ़ा 1:7
देखें, वह बादलों के साथ आ रहा है। हर एक उसे देखेगा, वह भी जिन्होंने उसे छेदा था। और दुनिया की तमाम क़ौमें उसे देखकर आहो-ज़ारी करेंगी। हाँ, ऐसा ही हो! आमीन।
Explore मुकाशफ़ा 1:7
YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy
Home
Bible
Plans
Videos