हे भाऊवों अऊर बहिनों, मोरी भावना या नहाय कि मय पकड़ चुक्यो हय; पर यो एक काम करू हय कि जो बाते पीछू रह गयी हंय उन्ख भूल क, आगु की बातों को तरफ बढ़तो चल्यो जाऊं हय। लक्ष को तरफ दौड़्यो चल्यो जाऊ हय, ताकि ऊपर को स्वर्गीय जीवन को इनाम पाऊ, जेको लायी परमेश्वर न मोख मसीह यीशु म ऊपर बुलायो हय।