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फिलिप्पियों 3

3
सच्चो सच्चायी
1येकोलायी हे मोरो भाऊ अऊर बहिनों, प्रभु म खुश रहो। उच बाते दुबारा लिखन म मोख त कोयी कठिनता नहीं होवय, अऊर येको म तुम्हरो लायी यो सुरक्षित हय, 2बुरी बाते करन वालो उन कुत्तावों, जो शरीर काटन पर जोर देवय हय, उन पर नजर रखो। 3कहालीकि सच्चो खतना वालो त हमच आय जो परमेश्वर की आत्मा सी प्रेरित होय क सेवा करय हय, अऊर बाहरी रीति रिवाज पर नहीं पर यीशु मसीह पर घमण्ड करय हय। 4पर मय त बाहरी रीति रिवाज पर भी भरोसा रख सकू हय। यदि कोयी यो समझय हय कि ऊ बाहरी रीति रिवाज पर भरोसा कर सकय हय, त मय अऊर भी असो कर सकू हय। 5#रोमियों ११:१; प्रेरितों २३:६; २६:५आठवो दिन मोरो खतना भयो, मय इस्राएल को वंश, अऊर बिन्यामीन को वंश को आय, इब्रानियों को इब्रानी सन्तान आय; व्यवस्था को बारे म यदि कहो त फरीसी होतो। 6#प्रेरितों ८:३; २२:४; २६:९-११उत्साह को बारे म यदि कहतो त मण्डलियों ख सतावन वालो; व्यवस्था की आज्ञा को पालन करन को द्वारा सच्चायी को बारे म यदि कहो त मय निर्दोष होतो। 7पर जो जो बाते मोरो फायदा कि होती, उन्ख मय न मसीह को वजह हानि समझ लियो हय। 8बल्की मय अपनो प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता की तुलना म सब बातों ख हानि समझू हय। जेको वजह मय न सब चिजों ख त्याग दियो। अऊर इन पूरी चिजों ख मय कूड़ा समझू हय, येकोलायी की मय मसीह ख प्राप्त करू। 9अऊर मय ओको संग एक हो जाऊं, जो मोख अपनी सच्चायी को नहीं, जो व्यवस्था को पालन सी मिलय हय, बल्की ऊ सच्चायी को भरोसा आय, जो मसीह पर विश्वास आवन सी मिलय हय। ऊ सच्चायी को उद्ग्म परमेश्वर आय अऊर ओको आधार विश्वास आय। 10मय यो चाहऊं हय कि मसीह ख जान लेऊ। उन्को पुनरुत्थान को सामर्थ को अनुभव करू, अऊर ओको दु:ख म सहभागी बन क ओको जसो बन जाऊं, 11कि मय कोयी भी रीति सी मरयो हुयो म सी जीन्दो होन को पद तक पहुंचू।
लक्ष को तरफ दौड़नो
12यो मतलब नहीं कि मय न पा लियो हय, यो सिद्ध भय गयो हय; पर ऊ पुरस्कार ख जितन लायी दौड़्यो जाऊ हय, जेको लायी मसीह यीशु न मोख पकड़्यो होतो। 13हे भाऊवों अऊर बहिनों, मोरी भावना या नहाय#३:१३ नहीं; कुछ हस्तलेखों म अब तक नहाय कि मय पकड़ चुक्यो हय; पर यो एक काम करू हय कि जो बाते पीछू रह गयी हंय उन्ख भूल क, आगु की बातों को तरफ बढ़तो चल्यो जाऊं हय। 14लक्ष को तरफ दौड़्यो चल्यो जाऊ हय, ताकि ऊपर को स्वर्गीय जीवन को इनाम पाऊ, जेको लायी परमेश्वर न मोख मसीह यीशु म ऊपर बुलायो हय।
15हम म सी जितनो आत्मिकता म सिद्ध हंय, ऊ योच दृष्टिकोन रखे, अऊर यदि कोयी बात म तुम्हरो अऊरच बिचार हय त परमेश्वर ओख भी तुम पर प्रगट कर देयेंन। 16येकोलायी जो नियम को अनुसार हम यहां तक पहुंच्यो हंय, उच नियमों को अनुसार चले।
17 # १ कुरिन्थियों ४:१६; ११:१ हे भाऊवों अऊर बहिनों, तुम सब मिल क मोरो अनुकरन करो जो उदाहरन हम न तुम्हरो आगु रख्यो हय ओको अनुसार जो जीवय हय उन पर भी ध्यान लगायो रहो; 18कहालीकि बहुत सो असी चाल चलय हंय, जिन्की चर्चा मय न तुम सी बार बार करी हय, अऊर अब भी रोय-रोय क कहू हय; कि हि अपनी चाल चलन सी मसीह को क्रूस की मृत्यु को दुश्मन बन क जीवय हंय। 19उन्को अन्त नाश हय, शरीर की इच्छाये उन्को ईश्वर आय, हि अपनी लज्जा की बातों पर बड़ायी करय हंय अऊर धरती की चिजों पर मन लगायो रह्य हंय। 20पर हमरी नागरिकता स्वर्ग कि हय; अऊर हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को यहां सी आवन की रस्ता देख रह्यो हंय। 21ऊ अपनी शक्ति को ऊ प्रभाव को अनुसार जेको द्वारा ऊ सब चिजों ख अपनो अधिकार म कर सकय हय, हमरी कमजोर शरीर को रूप बदल क, अपनी महिमा को शरीर को अनुकूल बनाय देयेंन।

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