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असाधारण उपासकSample

असाधारण उपासक

DAY 4 OF 5

यशायाह  6:5-7

5 तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है!

6 तब एक साराप हाथ में अंगारा लिए हुए, जिसे उसने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़ कर आया।

7 और उसने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, देख, इस ने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिये तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए।


हम अक्सर उन चीजों से बेखबर रहते हैं जिन्हें हम देख नहीं सकते। वे वहां होती  हैं, लेकिन जब तक उन पर प्रकाश नहीं पड़ता है, हम उन्हें नहीं देख सकते हैं। कहा जाता है की कभी कभी अज्ञानता भी सही रहती है लेकिन क्या वास्तव में यह सही है ?  अगर हम अपने पाप से अनजान हैं, तो क्या यह अच्छी बात है?


यशायाह के पास प्रभु का यह दर्शन था जो इतना शानदार और अद्भुत था लेकिन इसने उसके जीवन में पाप को भी प्रकट किया। परमेश्वर के दर्शन के प्रकाश में उसके अशुद्ध वचन और अशुद्ध वचन बोलने वालों के बीच उसका पापमय जीवन प्रगट हुआ। हालाँकि इसे देखना उसके लिए कष्टदायक रहा होगा, यह उसके पाप से छुटकारा पाने का एक अवसर भी था। यशायाह भविष्यवक्ता ने परमेश्वर के अनुग्रह का अनुभव किया था जिसने उसे  पाप से मुक्त होने में मदद की। एक  ऐसा कार्य जो वह अपने आप में करने के लिए शक्तिहीन था, उसने उस अनुग्रह को उस स्वर्गदूत से प्राप्त किया था जिसने उसके मुँह को जलते हुए कोयले से छुआ था, जिसने उसके अपराध को दूर किया और उसके पाप का प्रायश्चित किया।

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परमेश्वर के करीब आने से हमारे पाप और असफलताएं  दिखाई तो देंगी  लेकिन यह हमें परमेश्वर के

अनुग्रह  का सामना करने में भी सक्षम बनाएगी। क्रूस हमारी वह वेदी है जिस पर हमें सारा अनुग्रह प्राप्त होता है। परमेश्वर हमारे जीवन में पाप को उजागर करे और यीशु के लहू के द्वारा हमें छुड़ाए। हाँ मुझे यह अनुग्रह चाहिए। क्या आप भी इस अनुग्रह को अपने जीवन में चाहते है? परमेश्वर के बहुतायत से बढ़कर अनुग्रह को पाकर ही हम असाधारण उपासक बन सकते है।


Scripture

About this Plan

असाधारण उपासक

यशायाह 6:1-8 पर 5 दिन का अध्याय जो उसके एक भविष्यवक्ता से असाधारण उपासक होने की यात्रा को दर्शाती है।

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