मन की युद्धभूमिSample

मत डरो!
क्या जीवन में सब कुछ बहुत अच्छा नहीं होता? यदि हमें भय के साथ किसी प्रकार का संबन्ध नहीं रखना पड़ता। निश्चय ही शक्त भय भी होते हैं, जो हमें खतरे के प्रति आगाह करते हैं—और यह अच्छे हैं क्योंकि यह हमें सुरक्षा देते हैं। परमेश्वर का भय भी होता है, जिसका तात्पर्य एक पवित्र, श्रद्धामय भय और उसके लिये आदर है। परंतु एक दुर्बल करनेवाला भय भी होता है, जो शैतान हममें प्रति दिन डालने का प्रयास करता है, जो हमें परमेश्वर की इच्छानुसार प्रेम, सामर्थ और स्वस्थ मन पाने से दूर रखता है।
यदि आप ने कभी मेरे समान व्याकुलता के साथ संघर्ष किया हो, तो आप उसके साथ आनेवाले चिन्ता, तनाव और भारीपन से भी परिचित होंगे। बहुत से लोग ऐसे भय के साथ संघर्ष करते हैं जिसका कोई स्पष्ट कारण या स्रोत नहीं होता है। उन्हें नहीं मालूम कि क्यों हमेशा भयग्रस्त रहते हैं और क्यों नहीं बदल सकते हैं। चाहे वे कितना भी कठिन प्रयास करें। दूसरे हमेशा हर क्षण इस चिन्ता में घूलते रहते हैं, कि आगे क्या होगा? ‘‘क्या होगा यदि?'' ...उनका पसन्दिता वाक्यांश है। क्या होगा यदि मैं बिल का भूगतान न करूँ? क्या होगा यदि मेरा बच्चा चोट खा जाए? क्या होगा यदि मेरे पति की नौकरी छुट जाए? संभावित दुर्घटनाओं की इन दुर्भाग्यशाली लोगों को बन्धन में रखती है और उनके जीवन का हर एक दिन दुर्दशा में रहता है।
इस दुनियां में बहुत से गंभीर बातें हो रही हैं, और हमें उनके प्रति जानकारी रखना और उनके लिये तैयार होना चाहिए। परन्तु हमें भय का प्रतिरोध करना भी सीखना चाहिए, जब वह हमारे विरूद्ध उठता है। वचन हम से कहता है, ‘‘क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम और संयम की आत्मा दी है।'' (2 तिमुथियुस 1:7)।
कभी कभी हम भय को भावना समझ लेते हैं और वह विशेष रूप से इसके द्वारा मसीहियों को यातना देना पसन्द करता है। हर संभव अवसर पर वह आप के कान में फुसफुसाएगा, यह कहते हुए, कि परमेश्वर आपको भूल गया है, और कोई आशा नहीं है। शैतान हमारे मन में भय को भरने का प्रयास करता है।
परन्तु यीशु ने कहा, ‘‘यदि तू कर सकता है? यह क्या बात है! विश्वास करनेवाले के लिये सब कुछ हो सकता है।'' (मरकुस 9:23)। हमें विश्वास करना है कि शत्रु के लिये एक जलन्त बाइबल पर विश्वास करनेवाला निडर मसीही से बुरा कुछ भी नहीं है। परमेश्वर हम से प्रतिज्ञा नहीं करता है कि जीवन आसान होगा। हम सब समस्याओं और चुनौतियों का सामना करेंगे। परन्तु इसका फल इस बात पर निर्भर करता हैं कि हम परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं—या हम भय को समर्पित करते।
भजन 23:4 कहता है, ‘‘चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलूँ, तौभी हानी से न डरूंगा; क्योंकि तू मेरे साथ रहता हैय तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।'' भजनकार दाऊद ने कहा कि वह घाटियों से होकर चला।
जब हम भयग्रस्त होते हैं, हम निश्चित हो सकते हैं कि यह परमेश्वर का कार्य नहीं है। परंतु यह हमारे आत्मिक शत्रु का एक छोटा सा चाल है। यदि वह हमें यह सोचने देता है कि परमेश्वर हम से घृणा करता है या हमें दण्ड देना चाहता है, तो हम उन विचारों को अपने मन में भरने देंगे, और हम युद्ध को हारना शुरू करेंगे।
परमेश्वर प्रेम है, हम उस पद को जितना अधिक कहें वह कम है। एक मात्र बात जो हम कह सकते हैं, वह है, परमेश्वर मुझ से प्रेम करता है। भय एक आत्मा है, जिसका सामना अवश्य किया जाना चाहिये। वह अपने आप नहीं जाएगा। हमे परमेश्वर की वचन की घोषणा करनी चाहिए और भय को हमें छोड़ने का आदेश देना होगा। इसलिये अगली बार जब भय आपके दरबाजे पर खटखटाये, तो विश्वास को दरवाजा खोलने के लिये भेजिये।
प्रभु यीशु, जब मैं आपके वचन को पढ़ती हूँ, मैं यह निश्चयता पाती हूँ कि आप मुझ से प्रेम करते हैं। ऐसे समय आते हैं जब मैं आप के प्रेम के अयोग्य महसूस करती हूँ। परन्तु आप ने कभी भी मुझ से इसलिये प्रेम नहीं किया क्योंकि मैं योग्य हूँ। आप ने मुझ से इसलिये प्रेम किया, क्योंकि आप पे्रम हैं। आप के नाम से मैं प्रार्थना करती हूँ। प्रभु यीशु आप का धन्यवाद कि आप ने मुझे पुनः निश्चयता दिया कि आप मुझे सचमूच पे्रम करते हैं और इसलिये मेरे पास भय का कोई कारण नहीं है। आमीन।।
Scripture
About this Plan

जीवन कभी-कभी हम में किसी को भी ध्यान ना देते समय पकड़ सकता है। जब आप के मन में युद्ध चलना आरम्भ होता है, दुश्मन परमेश्वर के साथ आपके संबंध को कमजोर करने के लिए उसके शस्त्रगार से प्रत्येक शस्त्र को इस्तेमाल करेगा। यह भक्तिमय संदेश आपको क्रोध, उलझन, दोष भावना, भय, शंका. .
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