यीशु के सम्मुखनमूना

यीशु के सम्मुख

दिन 6 का 40

मूसा और परमेश्वर के बीच रिश्तासिनैपर्वत पर शुरू हुआ जहाँ मूसा अपनी भेड़ों कोरखवाली करता था। जलती हुई झाड़ी से जोकार्यशुरू हुआ वह अगले चालीस वर्षों तक जारी रहावरननिकटताऔर भी बढती चली गयी। बाइबल कहती है कि परमेश्वर ने मूसा के साथ एक मित्रके सामान बातें कीं। उनके बीच जो पहली बातचीत हुई थी,उस समयमूसा संकोची और भयभीतथा, जबकि परमेश्वर ने यहप्रगटकिया कि वह कौनहैऔर वह क्या करेगा। यह दिलचस्प है कि परमेश्वरनेमूसा के प्रश्नों का सीधे उत्तर नहींदिया, परन्तुउसनेस्पष्ट रूप से इस तरह से उत्तरदिया जिससेउसके विचारमूसा के विचारों से उत्तम तथाउसकेमार्गऔरमूसा केमार्गों से ऊपरठहरें।

आने वाले वर्षों में मूसा को परमेश्वर के द्वारा निकट संगति में बुलायाजाने वाला था, लेकिन मूसानेकभी भी परमेश्वर की पवित्रता और महिमाको अपनेदृष्टिसे ओझल होनेनहींदियाहै। मूसा ने परमेश्वर के साथ इतना समय बिताया कि उसका रूप बदल गया और उसे अपने चेहरे पर चमक को छिपाने के लिए घूंघट पहनना पड़ा। यद्यपि वह परमेश्वर के वचन के विरुद्ध विद्रोह के कारण, प्रतिज्ञा किए गए देश में प्रवेश नहीं करसका,लेकिन उसके मरने परस्वयं परमेश्वरनेउसे दफनाया! क्या सम्मान की बात है! उनकी निकटता कायह कितना सुंदरप्रमाण है!

अपने आपसे पूछने के लिए प्रश्न
मुझे परमेश्वर से क्या प्रश्न पूछने चाहिए?
क्या मैं परमेश्वर के साथ समय बिताने के लिए प्रयास कर रहा हूँ?
क्या परमेश्वर के साथ मेरा समय मुझे बदल रहा है?

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

यीशु के सम्मुख

उपवास काल का समय हमारे अनन्त परमेश्वर से जुड़ी परिचित सच्चाईयों पर पुनः विचार करने का एक अतुल्य समय रहता है]जिसने हमारे बीच में और हम में डेरा किया। हमारी यह कामना है कि इस बाइबल योजना के द्वारा] आप 40 दिनों में प्रतिदिन परमेश्वर के वचन में अपना कुछ समय व्यतीत करेगें जो यीशु मसीह को बिल्कुल नये स्तर पर जानने में आपकी अगुवाई करता है।

More

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वी आर सिय्योन को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.instagram.com/wearezion.in/