यीशु के सम्मुखनमूना

यीशु के सम्मुख

दिन 14 का 40

यीशु औरउनकेदूर के चचेरे भाई यूहन्ना सेवकाई में समकालीन हैं और फिर भी उनमें से एक के पासदूसरे से बड़ी सेवकाई थीबड़ी सेवकाई है। यूहन्ना ने पहचाना कि यीशु स्वर्गसे उतरे हैंऔर उसने स्वर्गीय पिता के वचनबोलेथे। यूहन्ना पृथ्वी का था और उसने उसे सौंपे गएनियोगको पूरा किया, जो यीशु का अग्रदूत बनना और लोगों के दिलों को उसेस्वीकारकरने के लिए तैयार करना था। उसकी सेवकाई में उन लोगों को बपतिस्मा देना शामिल था जो पश्चाताप कर रहे थेऔर परमेश्वर के राज्य का अनुभव करना चाहते थे।

जबकि बपतिस्मा मसीह के प्रत्येक अनुयायी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है (यदि यीशु ने बपतिस्मा लेने का फैसला किया तो हमेंइसे नज़रंदाज़करने के लिए कोई ज़रूरत नहीं है), इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम एक ऐसा जीवनव्यतीत करेंजो पश्चाताप औरनए जीवनका फलप्रदान करने वाला हो। पश्चाताप तब तक जारी रहना चाहिए जब तक हम जीवित हैं क्योंकि हम कभी भी परिपूर्ण नहींहो सकते। यीशु में हम अपनेलिए क्षमा प्राप्तकर सकते और उसके सशक्तिकरण से आगे बढ़ते रहने के लिए पुनर्स्थापितहोसकते हैं। नवीकरण एक रोजमर्राचलने वाली क्रिया हैजहां हम अपने जीवन को परमेश्वर के प्रति पुन: प्रतिबद्ध करते हैं ताकि वहअपनी इच्छा के अनुसार उसेशुद्धकरे,भरेऔर उपयोग कर सके ।

जैसे जैसेहम पश्चाताप और नवीकरण के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हैं, हम धीरे-धीरे परमेश्वर के राज्य में अपनी भूमिका पाएंगे और जीवन को पूरी संभव क्षमता से जीसकेंगे!

अपने आप से पूछने के लिए प्रश्न
क्या ऐसा कुछ है जिसके लिए मुझे पश्चाताप करने की आवश्यकता है?
नवीकरण की प्रक्रिया के लिए खुद को पूरी तरह से देने से मुझेकौन सी चीज़रोकरहीहै?

इस योजना के बारें में

यीशु के सम्मुख

उपवास काल का समय हमारे अनन्त परमेश्वर से जुड़ी परिचित सच्चाईयों पर पुनः विचार करने का एक अतुल्य समय रहता है]जिसने हमारे बीच में और हम में डेरा किया। हमारी यह कामना है कि इस बाइबल योजना के द्वारा] आप 40 दिनों में प्रतिदिन परमेश्वर के वचन में अपना कुछ समय व्यतीत करेगें जो यीशु मसीह को बिल्कुल नये स्तर पर जानने में आपकी अगुवाई करता है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वी आर सिय्योन को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.instagram.com/wearezion.in/