YouVersion Logo
Search Icon

हिज़क़ियेल 48

48
क़बीलों में मुल्क की तक़सीम
1-7इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह।
मुल्क के बीच में मख़सूस इलाक़ा
8यहूदाह के जुनूब में वह इलाक़ा होगा जो तुम्हें मेरे लिए अलग करना है। क़बायली इलाक़ों की तरह उसका भी एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से जुनूब तक का फ़ासला साढ़े 12 किलोमीटर है। उसके बीच में मक़दिस है।
9इस इलाक़े के दरमियान एक ख़ास ख़ित्ता होगा। मशरिक़ से मग़रिब तक उसका फ़ासला साढ़े 12 किलोमीटर होगा जबकि शिमाल से जुनूब तक फ़ासला 10 किलोमीटर होगा। रब के लिए मख़सूस इस ख़ित्ते 10का एक हिस्सा इमामों के लिए मख़सूस होगा। इस हिस्से का फ़ासला मशरिक़ से मग़रिब तक साढ़े 12 किलोमीटर और शिमाल से जुनूब तक 5 किलोमीटर होगा। इसके बीच में ही रब का मक़दिस होगा। 11यह मुक़द्दस इलाक़ा लावी के ख़ानदान सदोक़ के मख़सूसो-मुक़द्दस किए गए इमामों को दिया जाएगा। क्योंकि जब इसराईली मुझसे बरगश्ता हुए तो बाक़ी लावी उनके साथ भटक गए, लेकिन सदोक़ का ख़ानदान वफ़ादारी से मेरी ख़िदमत करता रहा। 12इसलिए उन्हें मेरे लिए मख़सूस इलाक़े का मुक़द्दसतरीन हिस्सा मिलेगा। यह लावियों के ख़ित्ते के शिमाल में होगा। 13इमामों के जुनूब में बाक़ी लावियों का ख़ित्ता होगा। मशरिक़ से मग़रिब तक उसका फ़ासला साढ़े 12 किलोमीटर और शिमाल से जुनूब तक 5 किलोमीटर होगा।
14रब के लिए मख़सूस यह इलाक़ा पूरे मुल्क का बेहतरीन हिस्सा है। उसका कोई भी प्लाट किसी दूसरे के हाथ में देने की इजाज़त नहीं। उसे न बेचा जाए, न किसी दूसरे को किसी प्लाट के एवज़ में दिया जाए। क्योंकि यह इलाक़ा रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस है।
15रब के मक़दिस के इस ख़ास इलाक़े के जुनूब में एक और ख़ित्ता होगा जिसकी लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई अढ़ाई किलोमीटर है। वह मुक़द्दस नहीं है बल्कि आम लोगों की रिहाइश के लिए होगा। इसके बीच में शहर होगा, जिसके इर्दगिर्द चरागाहें होंगी। 16यह शहर मुरब्बा शक्ल का होगा। लंबाई और चौड़ाई दोनों सवा दो दो किलोमीटर होगी।
17शहर के चारों तरफ़ जानवरों को चराने की खुली जगह होगी जिसकी चौड़ाई 133 मीटर होगी। 18चूँकि शहर अपने ख़ित्ते के बीच में होगा इसलिए मज़कूरा खुली जगह के मशरिक़ में एक ख़ित्ता बाक़ी रह जाएगा जिसका मशरिक़ से शहर तक फ़ासला 5 किलोमीटर और शिमाल से जुनूब तक फ़ासला अढ़ाई किलोमीटर होगा। शहर के मग़रिब में भी इतना ही बड़ा ख़ित्ता होगा। इन दो ख़ित्तों में खेतीबाड़ी की जाएगी जिसकी पैदावार शहर में काम करनेवालों की ख़ुराक होगी। 19शहर में काम करनेवाले तमाम क़बीलों के होंगे। वही इन खेतों की खेतीबाड़ी करेंगे।
20चुनाँचे मेरे लिए अलग किया गया यह पूरा इलाक़ा मुरब्बा शक्ल का है। उस की लंबाई और चौड़ाई साढ़े बारह बारह किलोमीटर है। इसमें शहर भी शामिल है।
21-22मज़कूरा मुक़द्दस ख़ित्ते में मक़दिस, इमामों और बाक़ी लावियों की ज़मीनें हैं। उसके मशरिक़ और मग़रिब में बाक़ीमाँदा ज़मीन हुक्मरान की मिलकियत है। मुक़द्दस ख़ित्ते के मशरिक़ में हुक्मरान की ज़मीन मुल्क की मशरिक़ी सरहद तक होगी और मुक़द्दस ख़ित्ते के मग़रिब में वह समुंदर तक होगी। शिमाल से जुनूब तक वह मुक़द्दस ख़ित्ते जितनी चौड़ी यानी साढ़े 12 किलोमीटर होगी। शिमाल में यहूदाह का क़बायली इलाक़ा होगा और जुनूब में बिनयमीन का।
दीगर क़बीलों की ज़मीन
23-27मुल्क के इस ख़ास दरमियानी हिस्से के जुनूब में बाक़ी क़बीलों को एक एक इलाक़ा मिलेगा। हर इलाक़े का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा बहीराए-रूम होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : बिनयमीन, शमौन, इशकार, ज़बूलून और जद।
28जद के क़बीले की जुनूबी सरहद मुल्क की सरहद भी है। वह तमर से जुनूब-मग़रिब में मरीबा-क़ादिस के चश्मों तक चलती है, फिर मिसर की सरहद यानी वादीए-मिसर के साथ साथ शिमाल-मग़रिब का रुख़ करके बहीराए-रूम तक पहुँचती है।
29रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यही तुम्हारा मुल्क होगा! उसे इसराईली क़बीलों में तक़सीम करो। जो कुछ भी उन्हें क़ुरा डालकर मिले वह उनकी मौरूसी ज़मीन होगी।
यरूशलम के दरवाज़े
30-34यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा। 35फ़सील की पूरी लंबाई 9 किलोमीटर है।
तब शहर ‘यहाँ रब है’ कहलाएगा।!”

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy