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याकूब 1:2-8

याकूब 1:2-8 HINOVBSI

हे मेरे भाइयो, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानकर कि तुम्हारे विश्‍वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ, और तुम में किसी बात की घटी न रहे। पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्‍वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उसको दी जाएगी। पर विश्‍वास से माँगे, और कुछ सन्देह न करे, क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा, वह व्यक्‍ति दुचित्ता है और अपनी सारी बातों में चंचल है।

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याकूब 1:2-8 - हे मेरे भाइयो, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानकर कि तुम्हारे विश्‍वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ, और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्‍वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उसको दी जाएगी। पर विश्‍वास से माँगे, और कुछ सन्देह न करे, क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा, वह व्यक्‍ति दुचित्ता है और अपनी सारी बातों में चंचल है।याकूब 1:2-8 - हे मेरे भाइयो, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानकर कि तुम्हारे विश्‍वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ, और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्‍वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उसको दी जाएगी। पर विश्‍वास से माँगे, और कुछ सन्देह न करे, क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा, वह व्यक्‍ति दुचित्ता है और अपनी सारी बातों में चंचल है।याकूब 1:2-8 - हे मेरे भाइयो, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानकर कि तुम्हारे विश्‍वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ, और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्‍वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उसको दी जाएगी। पर विश्‍वास से माँगे, और कुछ सन्देह न करे, क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा, वह व्यक्‍ति दुचित्ता है और अपनी सारी बातों में चंचल है।