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गलातियों 2

2
अन्य प्रेरितों द्वारा पौलुस को मान्यता
1चौदह वर्ष के बाद मैं बरनबास के साथ फिर यरूशलेम को गया, और तीतुस को भी साथ ले गया।#प्रेरि 11:30; 15:2 2मेरा जाना ईश्‍वरीय प्रकाशन के अनुसार हुआ; और जो सुसमाचार मैं अन्यजातियों में प्रचार करता हूँ, उसको मैं ने उन्हें बता दिया, पर एकान्त में उनको जो बड़े समझे जाते थे, ताकि ऐसा न हो कि मेरी इस समय की या पिछली दौड़ धूप व्यर्थ ठहरे। 3परन्तु तीतुस को भी जो मेरे साथ था और जो यूनानी है, खतना कराने के लिये विवश नहीं किया गया। 4यह उन झूठे भाइयों के कारण हुआ जो चोरी से घुस आए थे, कि उस स्वतंत्रता का जो मसीह यीशु में हमें मिली है, भेद लेकर हमें दास बनाएँ। 5एक घड़ी भर उनके अधीन होना हम ने न माना, इसलिये कि सुसमाचार की सच्‍चाई तुम में बनी रहे। 6फिर जो लोग कुछ समझे जाते थे (वे चाहे कैसे भी थे मुझे इस से कुछ काम नहीं; परमेश्‍वर किसी का पक्षपात नहीं करता#व्य 10:17 ) – उनसे जो कुछ समझे जाते थे, मुझे कुछ भी नहीं प्राप्‍त हुआ। 7परन्तु इसके विपरीत जब उन्होंने देखा कि जैसा खतना किए हुए लोगों के लिये सुसमाचार का काम पतरस को सौंपा गया, वैसा ही खतनारहितों के लिये मुझे सुसमाचार सुनाना सौंपा गया। 8(क्योंकि जिसने पतरस से खतना किए हुओं में प्रेरिताई का कार्य बड़े प्रभाव सहित करवाया, उसी ने मुझ से भी अन्यजातियों में प्रभावशाली कार्य करवाया), 9और जब उन्होंने उस अनुग्रह को जो मुझे मिला था जान लिया, तो याकूब, और कैफा, और यूहन्ना ने जो कलीसिया के खम्भे समझे जाते थे, मुझ को और बरनबास को संगति का दाहिना हाथ दिया कि हम अन्यजातियों के पास जाएँ और वे खतना किए हुओं के पास; 10केवल यह कहा कि हम कंगालों की सुधि लें, और इसी काम को करने का मैं आप भी यत्न कर रहा था।
पौलुस द्वारा पतरस का विरोध
11पर जब कैफा अन्ताकिया में आया, तो मैं ने उसके मुँह पर उसका सामना किया, क्योंकि वह दोषी ठहरा था। 12इसलिये कि याकूब की ओर से कुछ लोगों के आने से पहले वह अन्यजातियों के साथ खाया करता था, परन्तु जब वे आए तो खतना किए हुए लोगों के डर के मारे वह पीछे हट गया और किनारा करने लगा। 13उसके साथ शेष यहूदियों ने भी कपट किया, यहाँ तक कि बरनबास भी उनके कपट में पड़ गया। 14पर जब मैं ने देखा कि वे सुसमाचार की सच्‍चाई पर सीधी चाल नहीं चलते, तो मैं ने सब के सामने कैफा से कहा, “जब तू यहूदी होकर अन्यजातियों के समान चलता है और यहूदियों के समान नहीं तो तू अन्यजातियों को यहूदियों के समान चलने को क्यों कहता है?”
विश्‍वास द्वारा धर्मी ठहरना
15हम तो जन्म से यहूदी हैं, और पापी अन्यजातियों में से नहीं। 16तौभी यह जानकर कि मनुष्य व्यवस्था के कामों से नहीं, पर केवल यीशु मसीह पर विश्‍वास करने के द्वारा धर्मी ठहरता है, हम ने आप भी मसीह यीशु पर विश्‍वास किया कि हम व्यवस्था के कामों से नहीं, पर मसीह पर विश्‍वास करने से धर्मी ठहरें; इसलिये कि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी धर्मी न ठहरेगा।#भजन 143:2; रोम 3:20,22 17हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि आप ही पापी निकलें तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं! 18क्योंकि जो कुछ मैं ने गिरा दिया यदि उसी को फिर बनाता हूँ, तो अपने आप को अपराधी ठहराता हूँ। 19मैं तो व्यवस्था के द्वारा व्यवस्था के लिये मर गया कि परमेश्‍वर के लिये जीऊँ। 20मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ, अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है; और मैं शरीर में अब जो जीवित हूँ तो केवल उस विश्‍वास से जीवित हूँ जो परमेश्‍वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। 21मैं परमेश्‍वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं ठहराता; क्योंकि यदि व्यवस्था के द्वारा धार्मिकता होती, तो मसीह का मरना व्यर्थ होता।

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