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प्रेरितों 4:23-37

प्रेरितों 4:23-37 HINOVBSI

वे छूटकर अपने साथियों के पास आए, और जो कुछ प्रधान याजकों और पुरनियों ने उनसे कहा था, उनको सुना दिया। यह सुनकर उन्होंने एक चित्त होकर ऊँचे शब्द से परमेश्‍वर से कहा, “हे स्वामी, तू वही है जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जो कुछ उनमें है बनाया। तू ने पवित्र आत्मा के द्वारा अपने सेवक हमारे पिता दाऊद के मुख से कहा, ‘अन्य जातियों ने हुल्‍लड़ क्यों मचाया? और देश देश के लोगों ने क्यों व्यर्थ बातें सोचीं? प्रभु और उसके मसीह के विरोध में पृथ्वी के राजा खड़े हुए, और हाकिम एक साथ इकट्ठे हो गए।’ क्योंकि सचमुच तेरे सेवक यीशु के विरोध में, जिसका तू ने अभिषेक किया, हेरोदेस और पुन्तियुस पिलातुस भी अन्य जातियों और इस्राएलियों के साथ इस नगर में इकट्ठे हुए, कि जो कुछ पहले से तेरी सामर्थ्य और मति से ठहरा था वही करें। अब हे प्रभु, उनकी धमकियों को देख; और अपने दासों को यह वरदान दे कि तेरा वचन बड़े हियाव से सुनाएँ। चंगा करने के लिये तू अपना हाथ बढ़ा कि चिह्न और अद्भुत काम तेरे पवित्र सेवक यीशु के नाम से किए जाएँ।” जब वे प्रार्थना कर चुके, तो वह स्थान जहाँ वे इकट्ठे थे हिल गया, और वे सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गए, और परमेश्‍वर का वचन हियाव से सुनाते रहे। विश्‍वास करनेवालों की मण्डली एक चित्त और एक मन की थी, यहाँ तक कि कोई भी अपनी सम्पत्ति अपनी नहीं कहता था, परन्तु सब कुछ साझे में था। प्रेरित बड़ी सामर्थ्य से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था। उनमें कोई भी दरिद्र न था; क्योंकि जिनके पास भूमि या घर थे, वे उनको बेच–बेचकर, बिकी हुई वस्तुओं का दाम लाते, और उसे प्रेरितों के पाँवों पर रखते थे; और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बाँट दिया करते थे। यूसुफ नाम साइप्रस का एक लेवी था जिसका नाम प्रेरितों ने बरनबास (अर्थात् शान्ति का पुत्र) रखा था। उसकी कुछ भूमि थी, जिसे उसने बेचा, और दाम के रुपये लाकर प्रेरितों के पाँवों पर रख दिए।

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