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2 इतिहास 11

11
शमायाह की भविष्यद्वाणी
(1 राजा 12:21–24)
1जब रहूबियाम यरूशलेम को आया, तब उसने यहूदा और बिन्यामीन के घराने को जो मिलकर एक लाख अस्सी हज़ार अच्छे योद्धा थे इकट्ठा किया, कि इस्राएल के साथ युद्ध करे जिससे राज्य रहूबियाम के वश में फिर आ जाए। 2तब यहोवा का यह वचन परमेश्‍वर के भक्‍त शमायाह के पास पहुँचा : 3“यहूदा के राजा सुलैमान के पुत्र रहूबियाम से और यहूदा और बिन्यामीन के सब इस्राएलियों से कह, 4‘यहोवा यों कहता है कि अपने भाइयों पर चढ़ाई करके युद्ध न करो। तुम अपने अपने घर लौट जाओ, क्योंकि यह बात मेरी ही ओर से हुई है।’ ” यहोवा के ये वचन मानकर, वे यारोबाम पर बिना चढ़ाई किए लौट गए।
रहूबियाम का नगरों को दृढ़ करना
5रहूबियाम यरूशलेम में रहने लगा, और यहूदा में बचाव के लिये ये नगर दृढ़ किए, 6अर्थात् बैतलहम, एताम, तकोआ, 7बेत्सूर, सोको, अदुल्‍लाम, 8गत, मारेशा, जीप, 9अदोरैम, लाकीश, अजेका, 10सोरा, अय्यालोन और हेब्रोन जो यहूदा और बिन्यामीन में हैं, दृढ़ किया। 11उसने दृढ़ नगरों को और भी दृढ़ करके उनमें प्रधान ठहराए, और भोजन वस्तु और तेल और दाखमधु के भण्डार रखवा दिए। 12फिर एक एक नगर में उस ने ढालें और भाले रखवाकर उनको अत्यन्त दृढ़ कर दिया। यहूदा और बिन्यामीन तो उसके अधिकार में थे।
याजकों और लेवियों का यहूदा को आना
13सारे इस्राएल के याजक और लेवीय भी अपने सारे देश से उठकर उसके पास गए। 14यों लेवीय अपनी चराइयों और निज भूमि को छोड़कर, यहूदा और यरूशलेम में आए, क्योंकि यारोबाम और उसके पुत्रों ने उनको निकाल दिया था कि वे यहोवा के लिये याजक का काम न करें, 15और उसने ऊँचे स्थानों और बकरा देवताओं और अपने बनाए हुए बछड़ों के लिये, अपनी ओर से याजक ठहरा लिए।#1 राजा 12:31 16लेवियों के बाद इस्राएल के सब गोत्रों में से जितने मन लगाकर इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के खोजी थे वे अपने पितरों के परमेश्‍वर यहोवा को बलि चढ़ाने के लिये यरूशलेम को आए। 17उन्होंने यहूदा का राज्य स्थिर किया और सुलैमान के पुत्र रहूबियाम को तीन वर्ष तक दृढ़ कराया, क्योंकि तीन वर्ष तक वे दाऊद और सुलैमान की लीक पर चलते रहे।
रहूबियाम का परिवार
18रहूबियाम ने एक स्त्री से विवाह कर लिया, अर्थात् महलत से जिसका पिता दाऊद का पुत्र यरीमोत और माता यिशै के पुत्र एलीआब की बेटी अबीहैल थी। 19उससे यूश, शमर्याह और जाहम नामक पुत्र उत्पन्न हुए। 20उसके बाद उसने अबशालोम की बेटी माका से विवाह कर लिया, और उससे अबिय्याह, अत्ते, जीजा और शलोमीत उत्पन्न हुए। 21रहूबियाम ने अठारह रानियाँ ब्याह लीं और साठ रखेलियाँ रखीं, और उसके अट्ठाईस बेटे और साठ बेटियाँ उत्पन्न हुईं। अबशालोम की बेटी माका से वह अपनी सब रानियों और रखेलियों से अधिक प्रेम रखता था; 22रहूबियाम ने माका के बेटे अबिय्याह को मुख्य और सब भाइयों में प्रधान इस विचार से ठहरा दिया कि उसे राजा बनाए। 23उसने समझ बूझकर काम किया; और उसने अपने सब पुत्रों को अलग अलग करके यहूदा और बिन्यामीन के सब देशों के सब गढ़वाले नगरों में ठहरा दिया; और उन्हें भोजन वस्तु बहुतायत से दी, और उनके लिये बहुत सी स्त्रियाँ ढूँढ़ी।

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