YouVersion Logo
Search Icon

1 इतिहास 21

21
दाऊद द्वारा जनगणना कराना
(2 शमू 24:1–25)
1शैतान ने इस्राएल के विरुद्ध उठकर, दाऊद को उकसाया कि इस्राएलियों की गिनती ले। 2तब दाऊद ने योआब और प्रजा के हाकिमों से कहा, “तुम जाकर बेर्शेबा से ले दान तक इस्राएलियों की गिनती लेकर मुझे बताओ, कि मैं जान लूँ कि वे कितने हैं।” 3योआब ने कहा, “यहोवा की प्रजा कितनी ही क्यों न हो, वह उसको सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के अधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने?” 4तौभी राजा की आज्ञा योआब पर प्रबल हुई। तब योआब विदा होकर सारे इस्राएल में घूमकर यरूशलेम को लौट आया। 5तब योआब ने प्रजा की गिनती का जोड़, दाऊद को सुनाया और सब तलवार चलानेवाले पुरुष इस्राएल के तो ग्यारह लाख, और यहूदा के चार लाख सत्तर हज़ार ठहरे। 6परन्तु इनमें योआब ने लेवी और बिन्यामीन को न गिना, क्योंकि वह राजा की आज्ञा से घृणा करता था।
7यह बात परमेश्‍वर को बुरी लगी, इसलिये उसने इस्राएल को मारा। 8दाऊद ने परमेश्‍वर से कहा, “यह काम जो मैं ने किया, वह महापाप है। परन्तु अब अपने दास का अधर्म दूर कर; मुझ से तो बड़ी मूर्खता हुई है।” 9तब यहोवा ने दाऊद के दर्शी गाद से कहा, 10“जाकर दाऊद से कह, ‘यहोवा यों कहता है कि मैं तुझ को तीन विपत्तियाँ दिखाता हूँ, उनमें से एक को चुन ले कि मैं उसे तुझ पर डालूँ।” 11तब गाद ने दाऊद के पास जाकर उससे कहा, “यहोवा यों कहता है कि जिसको तू चाहे उसे चुन ले : 12या तो तीन वर्ष का अकाल पड़े; या तीन महीने तक तेरे विरोधी तुझे नष्‍ट करते रहें, और तेरे शत्रुओं की तलवार तुझ पर चलती रहे; या तीन दिन तक यहोवा की तलवार चले, अर्थात् मरी देश में फैले और यहोवा का दूत इस्राएली देश में चारों ओर विनाश करता रहे। अब सोच कि मैं अपने भेजनेवाले को क्या उत्तर दूँ।” 13दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; मैं यहोवा के हाथ में पड़ूँ, क्योंकि उसकी दया बहुत बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मुझे पड़ना न पड़े।”
14तब यहोवा ने इस्राएल में मरी फैलाई, और इस्राएल में सत्तर हज़ार पुरुष मर मिटे। 15फिर परमेश्‍वर ने एक दूत यरूशलेम को भी उसका नाश करने को भेजा, और वह नाश करने ही पर था कि यहोवा दु:ख देने से खेदित हुआ, और नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच ले।” उस समय यहोवा का दूत यबूसी ओर्नान के खलिहान के पास खड़ा था। 16दाऊद ने आँखें उठाकर देखा कि यहोवा का दूत हाथ में खींची हुई और यरूशलेम के ऊपर बढ़ाई हुई एक तलवार लिये हुए आकाश के बीच खड़ा है, तब दाऊद और पुरनिये टाट पहिने हुए मुँह के बल गिरे। 17तब दाऊद ने परमेश्‍वर से कहा, “जिसने प्रजा की गिनती लेने की आज्ञा दी थी, वह क्या मैं नहीं हूँ? हाँ, जिसने पाप किया और बहुत बुराई की है, वह तो मैं ही हूँ। परन्तु इन भेड़–बकरियों ने क्या किया है? इसलिये हे मेरे परमेश्‍वर यहोवा! तेरा हाथ मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो, परन्तु तेरी प्रजा के विरुद्ध न हो, कि वे मारे जाएँ।”
18तब यहोवा के दूत ने गाद को दाऊद से यह कहने की आज्ञा दी कि दाऊद चढ़कर यबूसी ओर्नान के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनाए। 19गाद के इस वचन के अनुसार जो उसने यहोवा के नाम से कहा था, दाऊद चढ़ गया। 20तब ओर्नान ने पीछे फिर के दूत को देखा, और उसके चारों बेटे जो उसके संग थे छिप गए; ओर्नान उस समय गेहूँ दाँव रहा था। 21जब दाऊद ओर्नान के पास आया, तब ओर्नान ने दृष्‍टि करके दाऊद को देखा और खलिहान से बाहर जाकर भूमि तक झुककर दाऊद को दण्डवत् किया। 22तब दाऊद ने ओर्नान से कहा, “इस खलिहान का स्थान मुझे दे दे, कि मैं इस पर यहोवा की एक वेदी बनाऊँ, उसका पूरा दाम लेकर उसे मुझ को दे कि यह विपत्ति प्रजा पर से दूर की जाए।” 23ओर्नान ने दाऊद से कहा, “इसे ले ले, और मेरे प्रभु राजा को जो कुछ भाए वह वही करे; सुन, मैं तुझे होमबलि के लिये बैल और ईंधन के लिये दाँवने के हथियार और अन्नबलि के लिये गेहूँ, यह सब मैं देता हूँ।” 24राजा दाऊद ने ओर्नान से कहा, “नहीं, मैं अवश्य इसका पूरा दाम ही देकर इसे मोल लूँगा; जो तेरा है, उसे मैं यहोवा के लिये नहीं लूँगा, और न सेंतमेंत का होमबलि चढ़ाऊँगा।” 25तब दाऊद ने उस स्थान के लिये ओर्नान को छ: सौ शेकेल#21:25 अर्थात्, लगभग सात किलोग्राम सोना तौल दिया। 26तब दाऊद ने वहाँ यहोवा की एक वेदी बनाई और होमबलि और मेलबलि चढ़ाकर यहोवा से प्रार्थना की, और उसने होमबलि की वेदी पर स्वर्ग से आग गिराकर उसकी सुन ली। 27तब यहोवा ने दूत को आज्ञा दी, और उसने अपनी तलवार फिर म्यान में कर ली।
28यह देखकर कि यहोवा ने यबूसी ओर्नान के खलिहान में मेरी सुन ली है, दाऊद ने उसी समय वहाँ बलिदान किया। 29यहोवा का निवास जो मूसा ने जंगल में बनाया था, और होमबलि की वेदी, ये दोनों उस समय गिबोन के ऊँचे स्थान पर थे। 30परन्तु दाऊद परमेश्‍वर के पास उसके सामने न जा सका, क्योंकि वह यहोवा के दूत की तलवार से डर गया था।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy