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इब्रानियों 11:1-9

इब्रानियों 11:1-9 HINCLBSI

विश्‍वास उन बातों का पक्‍का निश्‍चय है, जिनकी हम आशा करते हैं और उन वस्‍तुओं के अस्‍तित्‍व के विषय में दृढ़ धारणा है, जिन्‍हें हम नहीं देखते। विश्‍वास के कारण हमारे पूर्वज परमेश्‍वर के कृपापात्र समझे गए। विश्‍वास द्वारा हम जान लेते हैं कि परमेश्‍वर के शब्‍द द्वारा विश्‍व का निर्माण हुआ है और अदृश्‍य से दृश्‍य की उत्‍पत्ति हुई है। विश्‍वास के कारण हाबिल ने काइन की अपेक्षा कहीं अधिक श्रेष्‍ठ बलि चढ़ायी। विश्‍वास के कारण वह धार्मिक समझा गया, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने उसका चढ़ावा स्‍वीकार किया। उसकी मृत्‍यु हुई; किन्‍तु विश्‍वास के कारण वह आज भी बोल रहा है। विश्‍वास के कारण हनोक ले लिया गया ताकि उसे मृत्‍यु का अनुभव न हो। वह फिर नहीं दिखाई पड़ा, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने उसे उठा लिया था। धर्मग्रन्‍थ उसके विषय में कहता है कि उठाये जाने के पहले “उसने परमेश्‍वर को प्रसन्न किया था।” और विश्‍वास के बिना परमेश्‍वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्‍वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्‍वास करना आवश्‍यक है कि परमेश्‍वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं। नूह अपने विश्‍वास के कारण अदृश्‍य घटनाओं से परमेश्‍वर के द्वारा सचेत किया गया। उसने इस चेतावनी का सम्‍मान किया और अपना परिवार बचाने के लिए जलयान का निर्माण किया। उसने अपने विश्‍वास द्वारा संसार को दोषी ठहराया और वह उस धार्मिकता का अधिकारी बना, जो विश्‍वास पर आधारित है। विश्‍वास के कारण अब्राहम ने परमेश्‍वर का बुलावा स्‍वीकार किया कि वह उस देश को जाएं जिसको वह विरासत में प्राप्‍त करने वाले थे। अब्राहम यह न जानते हुए भी कि वह कहाँ जा रहे हैं, उन्‍होंने उस देश के लिए प्रस्‍थान किया। विश्‍वास के कारण परदेशी की तरह प्रतिज्ञात देश में कुछ समय तक निवास किया। वह इसहाक तथा याकूब के समान, जो उनके साथ एक ही प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारी थे, तम्‍बुओं में रहने लगे।