च़ौक्क्ष रूऐ, के कोसी आदमी की ठग-बाजी शे अरह् छल़-कप्ट शे, अरह् चुगली चलाकी शे, तुँऐं बह्काऐ-दुर्ताऐ ने ज़ाँव, के लोग तुँओं नहाँन्ड़िया जिऐ ने भट्काऐं दियों, आँमें बादी संच्चाँई के संम्झ़ करह्, अरह् मसीया दी साँत्त-भाँत्ती बंड़ोत्री करह्, किन्देंखे के मसीया ही कलीसिया को शीश-मुँढ असो।