ईन्देंखे जेसी देसो शुभों आँमें ऐजो शुँणी थुओ, तेसी देसो शुँभे आँमें भे तुँओ खेे ऐजी प्रार्थना अरह् बिन्त्ती कर्णी ने छुड़्दे, के तुँऐं बादे आत्त्मिक ज्ञाँन अरह् सम्झ लई पंण्मिश्वर के हिछ़या के पछ़याँण दे डटे अंदे, अरह् भर-पुर हंऐ ज़ाव। जू तुवाँरा चाल-चल़्ण प्रभू ज़ूगा हों, अरह् से हर तरेह् शे खुशी हों; अरह् तुँओं दे हर किस्म के भले काँम का फल़ लागो, अरह् पंण्मिश्वर के पछ़याण दे बढ़्दे ज़ाँव।