उसब एकेमन भ्याके सबदिन मन्दिरमे जम्मा हैछेलै, घर-घरमे परभु-भोज करै आ सबकोइ खुसी मनसे मिल-जुइलके खाइछेलै, आ परमेस्वरके परसन्सा करैक। औरो लोकसब सेहो ओकरासबके असल नजरसे देखैक। तब उधार पाबैबलासबके समुहमे दिनदिने परभु बिस्बासीसबके संख्या थैप दैछेलै।