अबाणू तईं तो थाँने हिक देबावाळा बण जाणो छावतो हो, पण थाँने अबाणू भी एक अस्या मनक की जरूत हे ज्यो थाँने सरूऊँ परमेसर की हिक की सरुवात की बाताँ हिकावे। थाँके तो अबाणू रोटी ने, बेस दूद की जरूत पड़री हे। काँके दूद पिबावाळा छोरा ने तो धारमिकता का बचन की पेचाण ने वेवे, काँके वो बाळक हे।