परमेसर आपकी मेमा का धनऊँ बिकाळी पबितर आत्माऊँ थानै आ सक्ति देवै जिऊँ थे थारा खुदका मांयला मिनख म सक्ति पार तगड़ा होता जाओ। अर थारा बिस्वास क जरिए मसी थारा हिया म बास करतो रेह्वै, थे थारै मांय प्यार-परेम की जड़ पकड़र बिपै निम धरल्यो। जिऊँ थे परमेसर का सगळा मिनखा क सागै इ बातनै समजबा की सक्ति पाओ क मसी को प्यार-परेम कत्तो लामो-चोड़ो, कत्तो डूँगो अर कत्तो उचो ह। अर मसी का बि प्यार-परेमनै जाण सको जखो सगळी समजऊँ नाकै ह। अर थे परमेसर का सुभाव म भर्यापूरा होज्याओ।