मानसिक स्वास्थ्य से जूझते लोगों के लिए आशानमूना

मानसिक स्वास्थ्य से जूझते लोगों के लिए आशा

दिन 3 का 5

परमेश्वर मेरे साथ है

मुझे लगता है कि मैं नियमित रूप से परमेश्वर के मुँह में अपने शब्द डाल देती हूँ, और मुझे इसका एहसास भी नहीं होता! मैं पूरी तरह से आश्वस्त हो सकती हूँ कि मेरी समझ बिल्कुल सही है, और फिर मैं अपने डर और संदेहों को परमेश्वर को दिखा कर उन्हें सच भी मान सकती हूँ। क्या आप कभी ऐसा करते हैं?

मैं लगभग पैंतीस वर्षों से मानसिक बीमारी से जूझ रही हूँऔर इन मानसिक और भावनात्मक संघर्षों से उपजी शर्मिंदगी अक्सर ऐसा महसूस करा सकती है कि जैसे साँस लेना भी कठिन हो, परमेश्वर के पास मेरे लिए जो सच्चाई है उसके हकदार होना तो बहुत दूर की बात है। मेरा मन अक्सर जिन झूठी बातों को चीख-चीखकर कहता है वे अंदर से पंगु बना सकती हैं। मैं एक मसीही हूँ, परमेश्वर की संतान, फिर भी इन मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों से मेरी चंगाई और उबरने की प्रक्रिया इस यात्रा के किसी भी मोड़ पर याकिसी भी दौर में वैसी प्रतीत नहीं हुई जैसी मैंने कल्पना या आशा की थी।

तीव्र मानसिक अस्थिरता और अवसाद से मेरा संघर्ष मेरे जीवन में बार-बार घटित हुए शारीरिक और भावनात्मक परित्याग का सीधा परिणाम हैजो कॉलेज तक लगातार होता रहा। इस तरह की परिस्थितियों में ढलते-ढलते मैंने मान लिया कि परित्याग ही मेरी सच्चाई है। दूसरों पर या परमेश्वर पर विश्वास करना यदि असम्भव नहीं, तो कठिन ज़रूर था।

बचपन में, हमें बहुत सीमित मात्रा में भोजन नसीब होता थाऔर जब यह उपलब्ध होता, तो मुझे सिखाया गया था कि मैं अपने हिस्से को सीमित रखूँ, जब तक कि दीर्घकालिक कुपोषण मेरी कहानी और मेरी जीवन-यात्रा का हिस्सा नहीं बन गया। इसका परिणाम यह हुआ कि मैं वज़न बढ़ने के भय से ग्रसित हो गई, जिससे मुझे निरन्तर जूझना पड़ता है ताकि यह हर रोज़,पूरा दिनमुझ पर हावी न रहे।

मेरा उद्देश्य आपको अपनी कहानी की इन अनगिनत लहरों में डुबोना नहीं है, बल्कि यह दिखाना है कि यीशु मेरे लिए एकमात्र आशा बन गया है, बल्किवह ही एकमात्र आशा है जो हमें हमारे अतीत के घावों और आघातों से बचा सकता है। जो आशा मैं अब अनुभव करती हूँ, वह दुख, हानि और गहरे दर्द से निकली है। परमेश्वर हर चीज़ का उपयोग करता है। वह कोई भी पीड़ा व्यर्थ नहीं जाने देता… कभी नहीं।

इनमें से कोई भी विचार या भावनाएँ, वे भ्रामक धारणाएँ जिन पर मैंने कई बार अपना जीवन टिका दिया, परमेश्वर की ओर से नहीं हैं। मानसिक बीमारी की पीड़ा उस प्रभु का हृदय तोड़ देती है, जो मुझे ऐसे तरीकों से सुरक्षित रखता है जिनकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकती। और मेरे मित्र, वह आपके लिए भी ऐसा ही करता है। परमेश्वर की सच्चाई मेरे मन में आने वाली उन झूठी बातों की जगह ले लेती है जिन पर विश्वास करने का मुझे अक्सर प्रलोभन होता है। वही सच्चाई मुझे बताती है कि वह मुझे कभी नहीं त्यागेगा, और उसकी उपस्थिति हर समय,हर परिस्थिति में मेरे साथ है, चाहे मैं कहीं भी जाऊँ या जो कुछ भी झेलूँ।

जब मैं यह सच्चाई सुनती हूँ कि परमेश्वर मेरे बारे में, मेरे दुखी मन और मेरे अतीत के बारे में कैसा महसूस करता है, तो तुरंत मेरे हृदय को आराम मिलने लगता है। वह मुझे उन आघातों से चंगा कर रहा हैऔर मैं भरोसा करना सीख रही हूँ, जो कि किसी चमत्कार और सुंदर अनुभव से कम नहीं है। उसकी दया और अनुग्रह कई बार समझ से परे होते हुए भी, महान और अद्भुत है।

पवित्रशास्त्र हमें बताता है: “मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ; मैं तुझे दृढ़ करूँगा और तेरी सहायता करूँगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्भाले रहूँगा” (यशायाह 41:10)।

मेरी मानसिक स्थिति कई बार मुझे निराश कर सकती है, तो भी आशा और सच्चाई से भरी वास्तविकता में जीना इस बात पर निर्भर करता है कि मैं हर दिन किसकी बात पर विश्वास करने का चुनाव करती हूँ। परमेश्वर का वचन कभी नहीं बदलता, और परमेश्वर स्वयं भी नहीं बदलता। उसकी दया हर सुबह नई होती है, और हमारे जीवन के हर दिन में बनी रहती है।

परमेश्वर अपने वचन में हमारे विषय में जो कहता है, क्या आप मेरे साथ मिलकर उस पर विश्वास करेंगे? वह कभी भी मेरे संदेह या निराशा का वैसा उत्तर नहीं देता जैसा मुझे सिखाया गया है कि मैं योग्य हूँ। बल्कि, वह मुझे थाम लेता है औरमेरे बेचैन मन को अपनी शांति से अवगत कराता है, और वज़न बढ़ने के भय की बीमारी से टूटे हुए मेरे शरीर को चंगाई प्रदान करने वाले भोजन और सत्य से पोषित करता है।

मेरे साथ मिलकर परमेश्वर के वचन और उसकी सच्चाई को थामे रखें, क्योंकि हमारा पिता नहीं चाहता कि हम सिर्फ किसी तरह जीवित रहें। नहीं,मेरे मित्र, वह चाहता है कि हम फलें-फूलें।

इस योजना के बारें में

मानसिक स्वास्थ्य से जूझते लोगों के लिए आशा

जब आप या आपका कोई प्रियजन अवसाद, चिन्ता और मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहा हो तो ऐसे में आप सहायता के लिए किसके पास जा सकते हैं? परमेश्वर का वचन निराशा के गहन अन्धेरे में भी आशा भरता है। स्टेसी और डग ऐसे वचनों और प्रोत्साहन को साझा करते हैं जिनका उपयोग परमेश्वर ने उनकी मानसिक स्वास्थ्य की यात्रा के सबसे कठिन दिनों में उन्हें सम्भालने के लिए किया। प्रभु करे कि इस योजना को पढ़ते हुए, आप संघर्ष कर रहे लोगों के लिए परमेश्वर के अनुग्रह, प्रेम, आशा और यहाँ तक कि आनन्द को भी खोज सकें।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Speak Out Loud को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: www.speakoutloud.me