यीशु के सम्मुखनमूना

यीशु के सम्मुख

दिन 37 का 40

यीशु के पास सबसे अनोखी संवादात्मक शैली थी जहाँ वह किसी को सबसे उपयुक्त समय पर पकड़ लेते थे और लगभग तुरंत ही उसके साथ गहराई तक चले जाते थे। उन्होंने किसी को झाड़-फूक करके या चापलूसी से नहीं पकड़ा, बल्कि सीधा उसकी ज़िन्दगी की गहरे और नाजुक हिस्से को पकड़ कर उससे बात की। जब वह सामरी स्त्री से बात करता है तो यह अलग नहीं था। उसने अपने बारे में एक बड़ी बात को कहा - "जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनंतकाल तक प्यासा न होगा; वरन जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनंत जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। उस सामरी महिला का पाँच बार विवाह हो चुका था और वर्तमान में वह किसीपुरुष के साथ अविवाहित स्थिति में रह रही थी। स्पष्ट रूप से उसका भीतरी मनुष्यत्व प्यासा था, लेकिन अस्थायी रूप से शारीरिक संबंधों के साथ अपनी भूख को तृप्त कर रही थी। यीशु सीधे इस बात को संबोधित करते हुए मामले के केंद्र में गए कि केवल वही उसकी गहरी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

हम उस महिला से अलग नहीं हैं। हम अक्सर अस्थायी सुधारों के साथ अपनी गहरी जरूरतों को पूरा करते हैं जबकि वास्तव में हमें उन जरूरतों को पूरा करने के लिए यीशु की आवश्यकता होती है ताकि हम धन, सफलता, प्रमुखता आदि के इस युग के झूठी मूरतों की आराधना न करें। हम केवल आत्मा और सच्चाई में परमेश्वर की आराधना कर सकते हैं जब हम स्वयं को पूरी तरह से खाली कर दें ताकि वह हमें भर सके।

अपने आप से पूछने के लिए प्रश्न
मेरा जीवन कहाँ खाली लगता है?
क्या मेरी आराधना परमेश्वर के लिए है या चीज़ों/लोगों के लिए?

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

यीशु के सम्मुख

उपवास काल का समय हमारे अनन्त परमेश्वर से जुड़ी परिचित सच्चाईयों पर पुनः विचार करने का एक अतुल्य समय रहता है]जिसने हमारे बीच में और हम में डेरा किया। हमारी यह कामना है कि इस बाइबल योजना के द्वारा] आप 40 दिनों में प्रतिदिन परमेश्वर के वचन में अपना कुछ समय व्यतीत करेगें जो यीशु मसीह को बिल्कुल नये स्तर पर जानने में आपकी अगुवाई करता है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वी आर सिय्योन को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.instagram.com/wearezion.in/