यीशु के सम्मुखनमूना

यह अजीब है कि इस महिला को यीशु के पास घसीट कर लाया जाता है ताकि वह उन लोगों की भीड़ से जिसमें कोई भी सिद्ध नहीं था उनके द्वारा सार्वजनिक रूप से उसका न्याय किया जा सके। जब यीशु अपने ध्यान को उससे हटाकर नीचे झुककर जमीन पर कुछ लिखने लगते हैं तो ज़रूर वह स्त्री शर्म और गलत काम के कारण कांप रही होगी। उसने कहा तुम में जो निष्पाप हो वह पहले उसको पत्थर मारे। एक-एक करके लोग वहां से बाहर निकल आए और सिर्फ महिला को वहां छोड़ दिया। यीशु ने उसे दण्ड से मुक्त किया, लेकिन वह यहाँ एक शर्त रखते हैं –“जा, और फिर पाप न करना"।
यीशु अनुग्रह और सत्य का प्रतीक थे। उन्होंने किसी की निंदा नहीं की लेकिन वह उनके पाप को उजागर करने या उन्हें दोषी ठहराने से नहीं रुके। पवित्र आत्मा भी आज यही काम करता है। पवित्र आत्मा हमें उन पापी प्रवृत्तियों के प्रति सचेत करके और हमें सच्चे पश्चाताप के लिए खड़ा करके पाखंडी और दूसरों पर दोष लगाने वाला बनने से भी बचाएगा।
अपने आप से पूछने के लिए प्रश्न
क्या मैं दूसरों पर दोष लगा रहा रहा हूं?
क्या मैं दूसरों का न्याय नहीं करने और अपने जीवन को करीब से देखने के लिए प्रतिबद्ध हो सकता हूं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

उपवास काल का समय हमारे अनन्त परमेश्वर से जुड़ी परिचित सच्चाईयों पर पुनः विचार करने का एक अतुल्य समय रहता है]जिसने हमारे बीच में और हम में डेरा किया। हमारी यह कामना है कि इस बाइबल योजना के द्वारा] आप 40 दिनों में प्रतिदिन परमेश्वर के वचन में अपना कुछ समय व्यतीत करेगें जो यीशु मसीह को बिल्कुल नये स्तर पर जानने में आपकी अगुवाई करता है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वी आर सिय्योन को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.instagram.com/wearezion.in/