यीशु के सम्मुखनमूना

यीशु के सम्मुख

दिन 34 का 40

हम दुख को समझाने की कोशिश करते हैं या कम से कम इसे समझने की कोशिश करते हैं। हालांकि, कई बार, इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि हम जिस दौर से गुजरते हैं उससे क्यों गुजरते हैं। बेहतर होगा कि हम चुप रहें और परमेश्वर को उस कार्य को पूरा करने दें जिसे उसने हम में आरम्भ किया है ताकि उसकी महिमा हमारे भीतर और हमारे माध्यम से प्रकट हो। दुख हमारे लिए सफलता से कहीं अधिक अच्छा है, यह स्वीकार करना बहुत कठिन हो सकता है। यह हमारी ज़िन्दगी को सही करता है, धीरज धरने की शक्ति को बढ़ाता है, हमारे प्रार्थना जीवन को बढ़ाता है और हमें हमारे जीवन में परमेश्वर की चाल के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। हो सकता है, आज शिक्षा में उस व्यक्ति की तरह, आपको बताया गया हो कि आपकी पीड़ा आपके जीवन के या आपके परिवार के पाप के कारण है। यह आपकी इच्छा है कि आप यीशु के पास आओ और उससे पूछो कि वह तुम्हारी असंभव कठिन स्थिति से कैसे महिमा प्राप्त करेगा।

अपने आप से पूछने के लिए प्रश्न
क्या आपने महसूस किया है कि आपकी पीड़ा कुछ भी नहीं थी?
क्या अभी तक आपके जीवन के किसी भाग से प्रकट हुई है?

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

यीशु के सम्मुख

उपवास काल का समय हमारे अनन्त परमेश्वर से जुड़ी परिचित सच्चाईयों पर पुनः विचार करने का एक अतुल्य समय रहता है]जिसने हमारे बीच में और हम में डेरा किया। हमारी यह कामना है कि इस बाइबल योजना के द्वारा] आप 40 दिनों में प्रतिदिन परमेश्वर के वचन में अपना कुछ समय व्यतीत करेगें जो यीशु मसीह को बिल्कुल नये स्तर पर जानने में आपकी अगुवाई करता है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वी आर सिय्योन को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.instagram.com/wearezion.in/