याकूब भूमिका
भूमिका
याकूब कि किताब याकूब नामक कोई व्यक्ति दुवारा लिखी गई हती। याहा संभवत: यीसु को भई याकूब हतो, जे सुरूआती कलीसिया म एक अगुवा हतो अऊर यरूसलेम की परिसद को हिस्सा हतो। प्रेरितो 15:13 प्रेरित पोलुस न उसे गलातियो 2:9 म कलीसिया को खंमा भी कहयो। ग्यान वान हुन को माननो हैं कि याकूब कि किताब ईसा को जनम को लगभग 50 साल बाद लिखी गई हती। चुँकि याकूब यरूसलेम की कलीसिया को अगुवा थो, ओ न संभवत: वाहा रहतो हुओ किताब लिखी हती।
याकूब अपनी किताब ख दुसरी जाति हुन म बिखरे हुए बारा गोत्रो 1:1 ख सबोधित करह हैं। याकूब को पाट सभी मसी हुन प लागु होवा हैं लेकिन “बारा गोत्रो” सब्द हुन को उपयोग से याहा संभव हो जावा हैं की याकूब सिधो यहूदी मसी हुन ख लिख रहयो थो। चूँकि याहा किताब पाठक हुन की एक व्यापक समूह लक पहुँचन को लाने हती येना कई विसय हुन ख संबोधित करयो। याकूब भरोसा अऊर काम हुन को बीच संबंध प ध्यान केंद्रित करह हैं। सच्चो भरोसा कार्रवाई म दिखायो जाएगो। 2:17 वाहा धनी इंसान हुन 2:1-4 को प्रति पक्छपात दिखान को खिलाफ भी चेतावनी देवा हैं अऊर हम ख बतावा हैं कि हम जे कहव हैं ओसे सावधान रहो। 3:1-12
रूप रेखा:
1. याकूब म अपनो पाठक हुन को अभिवादन करह हैं। 1:1
2. ऐको बाद वाहा मसी हुन ख प्रोत्साहित करह हैं कि जब वी कस्ट सहे ते मजबुत बनिया रहे। 1:2-27
3. फिर वाहा कहव हैं कि करम को दुवारा भरोसा को परगट होनो कसो आवस्यक हैं। 2:1-26
4. ओको बाद वाहा कहव हैं कि मुँह से निकले सब्द कित्ता सक्तिसाली हो सकह हैं। 3:1-12
5. तब याकूब समझावा हैं कि कसो परमेस्वर कि बुध्दि दुनिया कि बुध्दि से भिन्न हैं। 3:13—4:10
6. ऐको बाद वाहा अपनो पाठको ख घंमडी होवन को खिलाफ चेतावनी देवा हैं। 4:11—5:6
7. याकूब कुछ सामान्य निर्देस दे ख पानी किताब म समाप्त करह हैं। 5:7-20
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याकूब भूमिका: MtP25
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