रोमियों 5
5
अब्राहम के संमझाऊणी
1तबे: जबे आँमें बिश्वाष शे पंणमिश्वर की नंजरी दे बै-कसूर बंणें, तअ आप्णे प्रभू यीशू मसीया के जाँणें पंणमिश्वर की गईलो मिली-चालियों रंह्, 2जेस्के जाँणें बिश्वाष के कारण तियों कृपा तोड़ी जिन्दें आँमें बंणें अंदें असो, अरह् तिन्दी अमाँरी पहऊँच भे हंऐ, अरह् पंणमिश्वर की बड़ियाऐ की भूर्षें गाशी आँमें आँनन्द करह्। 3सिर्फ ऐजो ही ने, परह् आँमें दु:ख कल़ेषो दा भे आँन्द करह्, ऐजो जाँणियों के कल़ेष शा धीरज, 4अरह् धीरज दे आछे निक्ल़ों, अरह् आछे निक्ल़्णों शा भूर्षा पय्दा हों; 5अरह् भूर्षें दी निराषा ने हंदी, किन्देंखे के पबित्र-आत्त्मा जू आँमों खे देऐ थऐ, तिन्दे लई पंणमिश्वर को पियार अमाँरे मंन दो पाँऐ थो।
6किन्देंखे के जबे आँमें कंंमजोर हे थिऐ, तबे मसीया ठीक बख्तो गाशी पापी लोगो की ताँईऐं मरे। 7कोसी धर्मी जंण की ताँईऐ कुँऐं मंरा? ऐजो तअ हई ने सक्दो; परह् हऐस्को के कोसी भले आदमी की ताँईऐं कुँऐं मर्णों के दीड़-हिम्मत करी सको। 8परह् पंणमिश्वर आँमों गाशी आप्णे पियार के भलाऐ ऐशी दाँई पर्गट करह्, के जबे आँमें पापी ही थिऐ, तबे ही मसीया अमाँरी ताँईऐं मरे। 9तअ: जबे के आँमें ऐबे मसीया के बल़ीदाँन के जाँणें पंणमिश्वर की नंजरी दे बै-कसूर बंणे, तअ तिनके जाँणें पंणमिश्वर के सजा शे कैई ने बंचदे? 10किन्देंखे के बऐरी हणों गाशी भी पंणमिश्वर के बैटे की मऊँती के जाँणें अमाँरा मेल-झोल पंणमिश्वर की गईलो हुआ, तअ तबे मेल-झोल हंणों गाशी, तेसी बैटे के जीवन के जाँणें अमाँरा मुँक्त्ति जरूर हंदे। 11सिर्फ ऐजो ही ने, परह् आँमें आप्णे प्रभू यीशू मसीया के जाँणें, जिनके जाँणें अमाँरा मेल-झोल हुआ, पंणमिश्वर गाशी पुरा भूर्षा करियों आँनन्द-खुशी मनाँऊबे।
आदम के जाँणें मऊँत; प्रभू यीशू के जाँणें अमर-जीवन;
12ईन्देंखे जेष्णाँ ऐकी आदमी के जाँणें पाप संईसारी दा आया, अरह् पापो शी मऊँत आऐ, तअ: ऐशी दाँई मऊँत सोभी आदमी मुँझी फऐली गऐ, किन्देंखे के सोभीऐं पाप करी थुवा। 13ऋषी-मूसा खे भेटे गुऐ निय्म देंणों के देसो तोड़ी पाप संईसारी दा तअ थिया, परह् तेथै निय्म ने थी, तेथै पाप भे माना ने गंई।
14तबे भे आदम शा उडा ऋषी-मूसा तोड़ी, तिनू लोगो गाशी मऊँतिऐं राज करा, जिन्ऐं तेसी आदम, जू तेसी आँणों वाल़े के निशाँणी-छाप थी, के अपराधी के समान पाप ने करी।
15परह् जेष्णी अपराध की दषा असो, तेष्णी कृपा के बर्दांण के दषा ने आथी, किन्देंखे के जबे ऐकी आदमी के अपराध के जाँणें बैजाऐ आदमी मरे; तअ पंणमिश्वर की कृपा अरह् जुण्जा दाँण ऐक आदमी खे, मतल्व यीशू मसीया की कृपा शा हुआ; से बैजाऐ लोगो गाशी जरूरी ही बैजाऐ हुआ। 16किन्देंखे के ऐकी आदमी के अपराध अरह् पंणमिश्वर की कृपा ऐक-भाँत्ती ने आथी, ऐकी आदमी के अपराध के जाँणें पंणमिश्वर की सजा की अज्ञाँ का फंय्सला हुआ, परह् बैजाऐ अपराध हंणों पाछ़ी जुण्जी कृपा देऐ गऐ, तिन्दें लई आँमें बे-कसूर बंणी गुऐ। 17किन्देंखे के जबे ऐकी आदमी के अपराध के जाँणें मंऊती ऐ तेसी ऐकी ही की जाँणें राज करा, तअ: जिन खे पंणमिश्वर की कृपा भेटी, अरह् से पंणमिश्वर की नंजरी दे बै-कसूर बंणें, सेजे लोग ऐक ही आदमी यीशू मसीया के जाँणें, खे अमर-जीवन पाँदें।
18ईन्देंखे जेष्णाँ ऐकी आदमी का अपराध पंणमिश्वर की सजा के अज्ञाँ का कारण बंणा, तेष्णी ही यीशू मसीया के बल़ीदाँण के जाँणें, बादे आदमी खे पंणमिश्वर की नंजरी दे बै-कसूर बंणाँऐं दिते, अरह् अमर-जीवन भेटणों का कारण बंणा।
19किन्देंखे के जेष्णाँ ऐकी आदमी की अज्ञाँ ने माँन्णों के जाँणें बेजाऐ लोग पापी बंणे, तेष्णें ही ऐकी आदमी की अज्ञाँ माँन्णों शे बेजाऐ लोग पंणमिश्वर की नंजरी दे बै-कसूर बंणे।
20ऋषी-मूसा खे भेटे गुऐं निय्म बीचो दे आऐ गुऐ, जू अपराध बेजाऐ हों, परह् जेथै पाप बेजाऐ हुआ, तेथै कृपा तिन्दें शी भे बेजाऐ हऐ, 21ऐशे दाँई पाप मऊँती के जाँणें राज्य करदा रूवा, परह् अमाँरे प्रभू यीशू मसीया के जाँणें, आँमों पंणमिश्वर की नंजरी दे बै-कसूर बंणाँऐंयों आप्णा राज्य की शुरूवात करले अरह् आँमों अमर-जीवन तोड़ी नींले।
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