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गलातियों 4

4
बिश्वाष खे यहूदी ज्ञाँन-निय्म
1मेरे बुल्णों का मतल्व ऐजा असो; के हंकदार वारिस जाँव तोड़ी नाबालिक असो; से ताँव तोड़ी बादी घरोऊँच़ी-संम्पत्ती का मालिक हंदे भे दास जैष्णाँ असो; 2किन्देंखे के सेजा बालक जाँव तोड़ी बालिक ने हों; ताँव तोड़ी से आप्णें माँ-बाबा के हिसाब शा; रंक्क्षा कर्णों वाल़े, अरह् घर के कारिया-भारिया के बष दा रंह्। 3अमाँरे भे तेष्णीं ही हाल हों, किन्देंखे के आँमें भे जाँव तोड़ी नहाँन्ड़िया थिऐं, ताँव-तोड़ी संईसारी के निय्म-रूवाजो के बष दे रंह्। 4परह् जबे ठीक मोंक्का भेटा, तअ पंण्मिश्वर ऐ आप्णा बैटा डेयाल़ा, जू तिरंई शा पय्दा हुआ; अरह् निय्मों के बष दा जीयों थिया। 5किन्देंखे के जू से मूसा खे भेटे गुऐ ज्ञाँन-निय्म दे फशे अंदें लोग खरदियों निय्म के बंन्धण शे उडे छुड़ाऐ दियों; जिन्दें लई आँमें पंण्मिश्वर के गोद लुऐ अंदें नहाँन्ड़िया अरह् वारिस बंणी ज़ाँव। 6अरह् तबे तुँऐं जू पंण्मिश्वर के बैटे असो, ईन्देंखे पंण्मिश्वर ऐ तुवाँरे सासो दी बैटे की आत्त्मा देऐ थऐ; जू तुँऐं “हे अब्बा, हे बाबा” करियों बुली सको। 7ईन्देंखे तुँऐं ऐबे दास ने आथी, परह् ऐबे बैटे असो; अरह् जबे तुँऐं बैटे बंणें, तअ पंण्मिश्वर के जाँणें वारिस-हंकदार भे बंणें।
गलातियों के लोगो का संत्त-पौलुस फिकर करह्
8आगे जबे तुँऐं लोग पंण्मिश्वर ने जाँणों थिऐं, तअ तिनके दास थिऐ; जुण्जे आप्णें स्भाव शे ईश्वर ने आथी। 9परह् ऐबे तुँऐं पंण्मिश्वर पछ़याँणी पाया; मतल्व पंण्मिश्वर ऐ तुँओं पछ़याँणें; तअ तुँऐं तिनू कंमजोर अरह् निकारे रूवाज-निय्म दे कैई फष्दे लागे; अरह् कैई तिन्दें पाछु ज़ाँदे लागे; कियों तुँऐं हजो तिनके दास बंणों चहाँव। 10तुँऐं आपु खे कुँऐ खास देस, अरह् कुँऐं खास भीना, अरह् कुँऐ खास पर्भे, अरह् कुँऐ खास बर्ष कैई माँनों। 11हाँव तुवाँरे बारे दा डरूऐ, के कोद्दी ऐशो ने हईयों, के जुण्जी मेंह्न्त मुँऐं तुँवारी ताईऐं करी थऐ, से बै-कार ने ज़ाँव। 12हे भाऐ बंईणों, हाँव तुँओं शी ढाल-अरज करू; के तुँऐं भे मुँह जैष्णे बंणों, अरह् हाँव भे तुवाँरे जेष्णाँ बंणी रूवा; हाँव ऐजी ढाल-अरज करू, परह् तुँऐं मेरो किऐं ने खुऐ थई। 13परह् तुँऐं जाँणों ऐ, के आगे ही आगे मुँऐ देह्-शरीर के कंमजूरी के जाँणें, तुँओं कैई शी खुषख्बरी शुणाऐ। 14अरह् तुँऐं भे मेरी देह्-शरीर की दषा जिन्दें लई तुँवारी परख करी गऐ थी, तिन्दें लई तुँऐं मुँह छोटा ने जाँणी; अरह् मुँह शी नफरत ने करी, परह् तुँऐं पंण्मिश्वर का स्वर्गदूत्त के जेष्णाँ मेरा आदर करा, जेष्णाँ के हाँव आपु मसीया यीशू ही थिया। 15तअ तबे तुँवारी सेजी खुशी मंनाँणी केथै गऐ? हाँव तुवाँरा गुवाह्-शाज़्त असो; के जे हऐ सको, तअ तुँऐं आप्णी आँ:खी भे मुँखे गाड़ियों ऊँडी देंदे। 16तअ तबे कियों हाँव तुँओं आरी साच्चो बुल्णों के जाँणें तुवाँरा बऐरी बणी रूआ? 17से तुँओं दोस्त्त तअ बाँण्णें चहाँव, परह् तुवाँरे भेले खे ने; परह् से तुओं ज़ई-ज़ई कर्णे चहाँव; के तुऐं आपु तिनू ही आप्णें दोस्त्त बाँणों। 18परह् ऐजो भे आछो असो, के भली बातो खे हर बख्त मीष करी ज़ाव; परह् मीष भी आच्छ़ी काँम-काज़ कर्णो खे करी ज़ाँव, परह् सिर्फ तेसी ही बख्ते ने, जेख्णों हाँव तुँवारी गईलो हंऊँ। 19हे मेरे नहाँन्ड़िया! जाँव तोड़ी तुँऐं मसीया का रूप जिया ने बणे, ताँव-तोड़ी मुँऐं सुणों की जेई पिड़ो सह्ऐ लई। 20मेरी हिछ़या तअ ऐजी असो, के ऐबे हाँव तुँओं कैई आऐयों; परह् कई किस्म की बातो बुलू, किन्देंखे के हाँव तुँवारी बारे दा ऊल़झण दा असो; के ऐबे का करह् ज़ाँव।
सारा अरह् हाजिरा का उदारण
21तुँऐं जू निय्म के बष दो हंणों चहाँव, तअ मुँह कैई ऐजो बुलो; के कियो तुँऐं निय्म दो ऐजो शुणी ने के? 22पबित्र ग्रन्थों लिखी थो; अब्राहम के दो बैटे हुवे, ऐक दासी का अरह् ओका आप्णी घरवाल़ी शा हुआ। 23परह् जुण्जा दासी के हुआ, से ऐक आँम भूग-बिसास शा पय्दा हुआ; परह् जुण्जा आप्णी घरवाल़ी शा पय्दा हुआ; से पंण्मिश्वर के बाय्दे के जाणें पय्दा हुआ। 24इन बातो को ऐजो अनाँणों असो: के सेजी दो तिरंई सारा, अरह् हाजिरा, पंण्मिश्वर के तेसी करार नाँमें की नीसाँणी असो; जू ऐक करार नाँमा सिनै धारह् गाशी करा गुवा थिया; जिऐ तिनू लोगो खे जन्म दिता, जू दास-बैठू थिऐं, ऐजा करार नाँमा हाजिरा दा पुरा हों। 25हाजिरा अरब के सिन्नै-धारह् के जैष्णी असो; से अच़कालिऐ के यरूशलेम जेष्णी असो; किन्देंखे के हेभी भे आप्णें नहाँन्ड़या आरी, से ऐत्लो तोड़ी गुलामी दे असो। 26परह् स्वर्गो को यरूशलेम अजाद असो, अरह् सेजी ही अमाँरी माँ, असो। 27किन्देंखे के पबित्र-ग्रन्थों दो लिखी थो: हे “शूनी-शाल़ी! मंजे करह्, जिन ऐं तुँऐं सुणों की पिड़ो ने सह्ऐं थई; जोरो की जय-जयकार करह्, किन्देंखे के छुड़ी अंदी की अलाद सुवागणों की अलादी शी भे जादा असो।” 28हे भाऐ बंईणों, आँमें इसहाक के जैष्णें बाय्दे की अलाद असो। 29अरह् जेष्णाँ तेसी बख्ते देह्-शरीर लई जन्मा अंदा, आत्त्मा लई जन्में अंदा सताँव थिया, तैष्णों ही ऐबे अरह् ऐत्लो भे होंदो लागो। 30परह् पबित्र-ग्रन्थों का बुलो? के “दासी अरह् तियारा बैटा निकाल़ी दियों, किन्देंखे के दासी का बैटा आप्णी घरवाल़ी के बैटे के गईलो, हंकदार वारिस ने हंदी।” 31ईन्देंखे हे भाऐ बंईणों आँमें दासी की अलाद ने आथी; परह् आँमें आप्णी माँ, के अलाद असो।

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