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1 कुरिन्थियों 15

15
ईसु को चोखो समचार
1भायाओ अब म थान्अ उं ईसु का चोखा समचार की याद दुवाऊ छु ज्यो म थान्अ सुणायो छो। थे उन्अ अपणाया अर आजताणी उन्अ मानया बी छो। 2ज्यो म्हारा सुणाया समचार प थे मजबुती सुं बस्वास करो तो परमेसर थान्अ बचावलो। ज्यो थे अस्यान कोन कर्या तो मसी मं थांको बस्वास करबो बेकार छ।
3सबसु खास बात जिको मन्अ तोल पड़यो वा म थान्अ सुणायो क सास्तर मं माण्ढेड़ो छ क मसी आपणा पापा को डण्ड सेन करबा बेई मर्यो, 4#मत्ती 12:40; थरपेड़ा 2:24–32अर उन्अ कबर मं मैल दिया पण सास्तर मं माण्ढेड़ो छ क वो तीसरअ दन पाछो जी उठ्‍यो। 5#लूक 24:34; मत्ती 28:16,17; मर 16:14; लूक 24:36; यूहन्‍ना 20:19ईक्अ पाछ्अ वो कैफा क साम्अ परगट होयो अर फेर सबळा बारा थरपेड़ा चेला क साम्अ। 6ईक्अ पाछ्अ वो पांच सौ सुं बी साउटा भाया न्अ जद्‍या वे एकलार छा वान्अ दिख्यो, अर वाम्अ सुं घणा लोगबाग हालतांणी जीव्अ छ, अर घणा गुजरग्या। 7ईक्अ पाछ्अ वो याकूब न्अ दिख्यो, जिक्अ पाछ्अ वो फेरू सबळा थरपेड़ा चेला न्अ दिख्यो, 8#थरपेड़ा 9:3–6आखरी म म्हारअ साम्अ बी परगट होयो। जदकी म तो अजीब ढंग सुं थरपेड़ो चेलो बण्यो छु।
9 # थरपेड़ा 8:3 म सबळा थरपेड़ा चेला सुं छोटो छु म तो थरपेड़ो चेलो खुवाबा जस्योई कोन्अ क्युं क म तो परमेसर का बस्वास्या की टोळी का मनखा न्अ सताव्अ छो। 10अर आज म ज्योबी छु परमेसर की दीया सुं छु अर उंकी दीया म्हारअ बेई बेकार कोन गई, म दूसरा थरपेड़ा चेला सुं बढ़र मेहनत कर्यो छु। पण या म्हारी काबलियत कोन या तो परबु की दीया छ। 11जिसुं चाये म थान्अ चोखो समचार सुणायो छु या फेर वे मे एक'ई समचार सुणावा छा जिप्अ थे बस्वास कर्या छो।
आपणो मरया मंसुं जि उठबो
12जस्यानकी म्हे सबळा एक'ई समचार सुणावा छा क मसी न्अ मरेड़ा मंसुं जुवायो गियो छो, फेर थाम्अ सुं कोई कस्यान खे सक्अ छ क बस्वास्या न्अ मर्या पाछ्अ जुवायो कोन जा सक्अ? 13अर ज्यो मर्या पाछ्अ जुवायो कोन जा सक्अ तो मसी न्अ बी कोन जुवायो गियो। 14अर ज्यो मसी न्अ कोन जुवायो गियो तो म्हारो परचार करबो अर थांको बस्वास करबो दोनी बेकार छ। 15ज्यो या बात सच छ क मर्या पाछ्अ कोई कोन जुवायो जाव्अलो तो परमेसर का बारा मं थासुं झूंट बोलबा बेई म्हे दोषी बणग्या। क्युं क मै थां सुं खिया छा क परमेसर मसी न्अ मरया मंसुं जुवायो। 16पण ज्यो सांच्याई मरेड़ा कोन जुवाया जाव्अ तो मसी बी कोन जुवायो गियो। 17अर ज्यो मसी कोन जुवायो गियो तो थारो बस्वास करबो बेकार छ क्युं क परमेसर थान्अ थांका पापा की बजेसुं डण्ड देव्अलो। 18अर जतरा बी मसी प बस्वास करता होया गुजरग्या वे तो नास होव्अला। 19अर ज्यो आपा ई दुनिया की मो-माया न्अ पाबा बेई मसी ईसु सुं आस लगामेल्या छा तो आपा सबळा मनखा सुं अभागा मनख छा।
20पण सच्चाई या छ क मसी न्अ मरेड़ा मंसुं जुवायो गियो याई बात की जामनी छ क मरेड़ा न्अ जुवायो जाव्अलो। 21क्युं क जस्यान एक मनख सुं मोत आई वस्यानई एक मनख की मोत सुं फेरु जी उठबो बी आयो। 22आदम का करम को फळ मोत उंकी सबळी ओलादा प बी लागू होयो वस्यानई मसी का करम को फळ मोत सुं जि उठबो वा सबळा प लागू होव्अ छ ज्यो मसी सुं जुड़ेड़ा छ। 23पण आपा सबळा की बी बज्जी आवली। सबळा सुं पेली परमेसर मसी न्अ मरेड़ा मंसुं जुवायो अर जद्‍या ईसु फेरु आवलो तो परमेसर वा सबळा न्अ जुवाव्अलो ज्यो मसी सुं जुड़ेड़ा छ। 24ईक्अ पाछ्अ जद्‍या मसी राज करबाळी दुष्टात्मा, अधिकार राखबाळी सबळी बरी सक्‍तया न्अ नास करर राज न्अ परमेसर बाप क हाथा म सुंप देव्अलो। जद्‍या अन्त आवलो। 25पण जद्‍या ताणी परमेसर मसी का सबळा बेर्या न्अ उंक्अ पगा तळ्अ कोन करदे मसी को राज करबो थे छ। 26सबसु पाछ्अ आखरी जी बेरी को नास कर्यो जाव्अलो, वो बेरी मोत छ। 27क्युं क सास्तरा खेव्अ छ क, “परमेसर सबकुछ उंका अधिकार तळ्अ कर दियो।” पण या बात साफ छ क सबकुछ मं परमेसर सामिल कोन छ क्युं क वो परमेसर'ई छ ज्यो सबकुछ मसी का अधिकार क तळ्अ कर मेल्यो छ। 28सबकुछ परमेसर का छोरा मसी क अधिकार तळ्अ कर्या पाछ्अ, वो खुदई पुरीतरां परमेसर क अधिकार क तळ्अ कर देव्अलो परमेसर ज्यो उन्अ यो अधिकार दियो छ। जिक्अ पाछ्अ परमेसर सबळी चीजा प पुरीतरां राज करअलो।
29तो वे लोगबाग कांई करअला ज्यो मरया बेई बतिस्मो देव्अ छ? अर ज्यो मरया जीव्अई कोन्अ तो फेर वा बेई बतिस्मो क्युं लेव्अ छ?
30अर ज्यो म्हा बेई बी अस्यान छ तो हर घड़ी चोखा समचार न्अ सुणाबा बेई खतरो क्युं उठावां छा?
31अरअ भायाओ, मसी ईसु की लार आपणा गठजोड़ सुं मन्अ थाप्अ घमण्ड छ। ईन्अ साक्षी मानर म या खेऊ छु क म रोजिना जीव को खतरो उठाऊ छु! 32अर ज्यो म जंगळी ज्यानबरा की न्याई का इफिसुस सहर का मनखा सुं लड़यो तो इसुं मन्अ कांई फाईदो होयो? अर ज्यो परमेसर सांच्याई मर्या पाछ्अ फेरू कोन जुवाव्अ “तो आओ आपा खावां पीवां क्युं क तड़क्अ तो आपान्अ मरणो ही छ।”
33धोखो मत खाज्यो “क्युं क बरी संगती चोखी आदत न्अ बगाड़ देव्अ छ।” 34चेत म आओ, अर चोखी जन्दगी जीवो। पाप को गेल्‍लो छोड़द्‍यो। क्युं क थाम्अ चन्याक मनख अस्यान का छ ज्यो परमेसर न्अ कोन जाण्अ। या म थान्अ जिसुं खेर्यो छु क थान्अ सरम आव्अ।
आपान्अ कसी काया मल्अली?
35पण कोई बुज सक्अ छ, “मरया कस्यान जुवाया जाव्अ छ? अर वान्अ कस्यान की काया मल्अली?” 36अरअ बावळ्याओ! थे ज्यो बीज धरती मं बावो छो वो जद्‍या ताणी गळ्अ कोन्अ जाव्अ फेरू कोन उग्अ। 37अर जिन्अ थे बायो छो वो गेऊ को या फेर ओर कोई-कांई को एक बीज ई तो छ अर उगबाळो पोधो उसुं घणु न्यारो। 38पण परमेसर खुदकी इच्छा सुं हरेक बीज न्अ वांको रूप देव्अ छ। 39जतरा बी जीव छ वांकी सबळा की काया एक जसी कोन्अ। मनखा क एक जस्यानकी काया छ जन्दावरा क दूसरी तरा की ज्यानबरा क न्यारी तो मछ्‍या की सबसु न्यारी ई होव्अ छ। 40क्युं क कोई काया सरग की होव्अ छ कोई धरती की, पण सरग की काया को न्यारोई तेज होव्अ छ अर धरती को न्यारो। 41जस्यान क सुरज, चांद अर तारा का तेज म फरक होव्अ छ। अर अण्डअ ताणी क एक तारा सुं दूसरा तारा का तेज म बी फरक छ।
42ई बजेसुं जद्‍या मरया न्अ फेरू जुवाव्अला तो अस्यान'ई होव्अला। अर जी काया न्अ ई धरती प गाढयो जाव्अ छ वा नसवर छ पण ज्यो नुई काया आपान्अ मल्अली वा अमर छ। 43अर जी काया न्अ धरती म गाढयो जाव्अ छ, वा कमजोर अर बैजती छ पण वाई काया फेरू जुवाई जाव्अली वा महमा अर सक्‍ति सुं भरी छ। 44अर जी काया न्अ धरती म गाढयो गियो छ वा गार की काया छ पण उई काया न्अ फेरू जुवायो जाव्अलो अर वा महमा सुं भरी होव्अली। अर ज्यो गार की काया होव्अ छ तो महमा सुं भरी काया बी होव्अ छ।
45क्युं क सास्तर म मण्ढर्यो छ क “पहलो मनख मतबल आदम एक जीवतो जीव का रूप मं रच्यो गियो” पण आखरी मनख मसी जन्दगी देबाळी आत्मा छ। 46पेली आत्मिक जन्दगी कोन मल्अ पण गार की काया मल्अ छ अर फेर उंक्अ पाछ्अई आत्मिक जीवन मल्अ छ। 47पेला मनख न्अ गार सुं बणायो गियो पण दूसरो मनख मतबल मसी सरग सुं आयो। 48धरती का सबळा मनख गार की काया लियां छ जस्यानकी उं पेला मनख की छी। अर सरग मं सबळा कन्अ आत्मिक काया होव्अली जस्यानकी सरग सुं आबाळा मसी की काया छ। 49अर जस्यान आपा गार सुं बण्या मनख आदम जस्यान को रूप धरां छा वस्यानई आपा सरग सुं आयेड़ा मसी की जस्यान को रूप बी धरअला।
50भायाओ, म थान्अ बताऊ छु क आपणी या काया ज्यो मांस अर लोई सुं बण मेली छ परमेसर का राज म कोन जा सक्अ। अर न्अ'ई नास होबाळि काया महमा की होव्अ। 51#1 थिस्स 4:15–17थे चत लगार सूणो, म थान्अ एक भेद की बात बताऊ छु। आपा सबळा मरा कोन्अ, पण आपणो रूप बदळ्यो जाव्अलो। 52अर जद्‍या आखरी नरसिंगो फूंक्यो जाव्अलो तो आंख मिचतांई एक'ई छण मं आपा बदळ जाव्अला। क्युं क नरसिंगा की आवाज जद आपणा काना मं पड़्अली तो सबळा मरेड़ा बस्वासी फेरू कोन मरबा बेई जुवाया जाव्अला अर आपा सबळा बदल्या जाव्अला। 53क्युं क नास होबाळी काया को महमा की काया मं बदलबो जरूरी छ। अर मरबाळा जीवन को महमा का जीवन मं बदलबो जरूरी छ। 54जद्‍या अस्यान होव्अलो, मतबल जद्‍या नास होबाळी काया न्अ महमा की काया मं बदळ्यो जाव्अलो तो सास्तर मं मण्ढेड़ो यो बचन पूरो होव्अलो,
“मोत न्अ नास करर उन्अ जित्यो गियो।
55हे मोत थारी जीत कढ्अ छ?
अर थारा डंक कढ्अ छ?”
56आपा पाप करां जिकी बजेसुं मरा छा, अर आपण्अ कन्अ परमेसर की बेवस्था छ जिकी बजेसुं पाप न्अ सक्ति मल्अ छ। 57पण परमेसर को धन्यवाद छ क वो आपान्अ परबु ईसु मसी की सायता सुं मोत प जीत दुवाव्अ छ।
58ई बजेसुं म्हारा प्यारा भायाओ बस्वास मं डगमगाओ मतो पण मजबुत रेवो। अर परबु का काम मं खुदन्अ लगाया रखाणो। क्युं क थे जाणो छो क परबु बेई करेड़ा थांका काम फालतु कोन जाव्अ।

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