रोमियों 2:3-4
रोमियों 2:3-4 LII25
पर हे आदमी, तय जो असो-असो काम करन वालो पर दोष लगावय हय अऊर खुद उच काम करय हय; का यो समझय हय कि तय परमेश्वर की सजा की आज्ञा सी बच जाजो? का तय ओकी महान दया, अऊर सहनशीलता, अऊर धीरजरूपी धन ख बेकार जानय हय? का निश्चित यो नहीं समझय कि परमेश्वर की कृपा तोख मन फिरावन को तरफ लिजावय हय?