फिलिप्पियों परिचय
परिचय
मसीह को जनम को लगभग ६१ साल को बाद या चिट्ठी फिलिप्पियों को रहन वालो विश्वासियों ख लिखी जब ओन या चिट्ठी लिखी त ऊ रोम म जेल म होतो १:१३ या चिट्ठी ओन वा मण्डली ख लिखी जो फिलिप्पियों शहर म होती, फिलिप्पियों को बारे म हम प्रेरितों कि किताब सी हम थोड़ो बहुत जानजे हय। मकिदुनिया प्रान्त की फिलिप्पियों शहर कि राजधानी होती या मण्डली मकिदुनिया प्रान्त की पहिली मण्डली होती पौलुस अऊर सिलास दोयी न मिल क या मण्डली कि सुरूवात करी जब हि फिलिप्पियों म होतो तब उन्ख रातभर लायी जेल म रहनो पड़्यो। प्रेरितों १६।
पौलुस की या चिट्ठी बहुउद्देशिय होती, जब ऊ जेल म होतो तब उन्न ओख जो दान भेज्यो ओको लायी उन्को आभार मानन लायी ४:१०-१९ जेल म ओकी हालत कसी होती यो बतावन लायी अऊर तीमुथियुस अऊर इपफ्रुदीतुस को परिचय करय हय ताकि हि उन्को स्वागत कर क् उन्को पुढारीपन ख मान दे क स्वीकार करय हय २:१९-३०
रूप-रेखा
१. फिलिप्पियों की मण्डलियों ख शुभेच्छा दे क पौलुस चिट्ठी की सुरूवात करय हय। १:१-२
२. बाद म ओकी हालत को बारे म अऊर कुछ समस्या को बारे बतावय हंय। १:३–२:३०
३. बाद म ऊ मसीह जीवन लायी व्यावहारिक सुचना देवय हय। ३:१–४:९
४. उन्को बेटा लायी उन्को धन्यवाद दे क अऊर ओकी शुभेच्छा दे क ऊ या चिट्ठी ख खतम करय हय। ४:१०-२३
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फिलिप्पियों परिचय: Lii25
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The Lodhi Bible © The Word for the World International and Lodhi Translation Samithi, Gondia, Maharashtra 2025
फिलिप्पियों परिचय
परिचय
मसीह को जनम को लगभग ६१ साल को बाद या चिट्ठी फिलिप्पियों को रहन वालो विश्वासियों ख लिखी जब ओन या चिट्ठी लिखी त ऊ रोम म जेल म होतो १:१३ या चिट्ठी ओन वा मण्डली ख लिखी जो फिलिप्पियों शहर म होती, फिलिप्पियों को बारे म हम प्रेरितों कि किताब सी हम थोड़ो बहुत जानजे हय। मकिदुनिया प्रान्त की फिलिप्पियों शहर कि राजधानी होती या मण्डली मकिदुनिया प्रान्त की पहिली मण्डली होती पौलुस अऊर सिलास दोयी न मिल क या मण्डली कि सुरूवात करी जब हि फिलिप्पियों म होतो तब उन्ख रातभर लायी जेल म रहनो पड़्यो। प्रेरितों १६।
पौलुस की या चिट्ठी बहुउद्देशिय होती, जब ऊ जेल म होतो तब उन्न ओख जो दान भेज्यो ओको लायी उन्को आभार मानन लायी ४:१०-१९ जेल म ओकी हालत कसी होती यो बतावन लायी अऊर तीमुथियुस अऊर इपफ्रुदीतुस को परिचय करय हय ताकि हि उन्को स्वागत कर क् उन्को पुढारीपन ख मान दे क स्वीकार करय हय २:१९-३०
रूप-रेखा
१. फिलिप्पियों की मण्डलियों ख शुभेच्छा दे क पौलुस चिट्ठी की सुरूवात करय हय। १:१-२
२. बाद म ओकी हालत को बारे म अऊर कुछ समस्या को बारे बतावय हंय। १:३–२:३०
३. बाद म ऊ मसीह जीवन लायी व्यावहारिक सुचना देवय हय। ३:१–४:९
४. उन्को बेटा लायी उन्को धन्यवाद दे क अऊर ओकी शुभेच्छा दे क ऊ या चिट्ठी ख खतम करय हय। ४:१०-२३
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