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१ कुरिन्थियों 16

16
विश्वासियों लायी दान
1 # रोमियों १५:२५,२६ अब ऊ चन्दा को बारे म जो परमेश्वर को लोगों लायी करयो जावय हय, जसी आज्ञा मय न गलातिया की मण्डली ख दी, वसोच तुम भी करो। 2हप्ता को पहिले दिन तुम म सी हर एक अपनी आमदनी को अनुसार कुछ अपनो जवर रख छोड़ो कि मोरो आनो पर चन्दा नहीं करनो पड़े। 3अऊर जब मय आऊं, त जिन्ख तुम चाहो उन्ख मय चिट्ठियां दे क भेज देऊ कि तुम्हरो दान यरूशलेम पहुंचाय दे। 4यदि मोरो भी जानो ठीक भयो, त हि मोरो संग जायेंन।
पौलुस की यात्रा को कार्यक्रम
5 # प्रेरितों १९:२१ मय मकिदुनिया होय क तुम्हरो जवर आऊं, कहालीकि मोख मकिदुनिया होय क जानोच हय। 6पर सम्भव हय कि तुम्हरो इतच रुक जाऊं अऊर ठंडी को मौसम तुम्हरो इत काटू, तब जो तरफ मोरो जानो होय ऊ तरफ तुम मोख भेज देवो। 7कहालीकि मय अब रस्ता म तुम सी थोड़ो समय की भेंट करनो नहीं चाहऊं; पर मोख आशा हय कि यदि प्रभु चाहवय त कुछ समय तक तुम्हरो संग रहूं।
8 # प्रेरितों १९:८-१० पर मय पिन्तेकुस्त तक इफिसुस म रहूं, 9कहालीकि मोरो लायी उत एक बड़ो अऊर उपयोगी द्वार खुल्यो हय, अऊर विरोधी बहुत सो हंय।
10 # १ कुरिन्थियों ४:१७ यदि तीमुथियुस आय जाये, त देखजो कि ऊ तुम्हरो इत आदर सी रहे; कहालीकि ऊ मोरो जसो प्रभु को काम करय हय। 11येकोलायी कोयी ओख तुच्छ नहीं जाने, पर ओख शान्ति सी यो तरफ पहुंचाय देनो कि मोरो जवर आय जाये; कहालीकि मय ओकी रस्ता देख रह्यो हय कि हि भाऊ को संग आये।
12भाऊ अपुल्लोस सी मय न बहुत बिनती करी हय कि तुम्हरो जवर भाऊ को संग जाये; पर ओन यो समय जान की कुछ भी इच्छा नहीं जतायी, पर जब समय मिलेंन तब आय जायेंन।
आखरी आदेश अऊर अभिवादन
13जागतो रहो, विश्वास म बन्यो रहो, साहसी बनो, बलवन्त हो। 14जो कुछ करय हय प्रेम सी करो।
15 # १ कुरिन्थियों १:१६ हे भाऊ-बहिनों, तुम स्तिफनास को घरानों ख जानय हय कि हि अखया को पहिले फर आय, अऊर परमेश्वर को लोगों की सेवा लायी तैयार रह्य हंय। 16येकोलायी मय तुम सी बिनती करू हय कि असो को अधीन रहो, बल्की हर एक को जो यो काम म मेहनत अऊर सहकर्मी हय।
17मय स्तिफनास अऊर फूरतूनातुस अऊर अखइकुस को आनो सी खुश हय, कहालीकि उन्न तुम्हरी कमी ख पूरो करयो हय। 18उन्न मोख अऊर तुम्ख आत्मा ख चैन दियो हय, येकोलायी असो ख मानो।
19 # प्रेरितों १८:२ आसिया की मण्डली को तरफ सी तुम ख हार्दिक नमस्कार; अक्विला अऊर प्रिस्का को अऊर उन्को घर की मण्डली को भी तुम ख प्रभु म बहुत–बहुत हार्दिक नमस्कार! 20सब विश्वासियों को तरफ सी तुम ख नमस्कार।
मसीह को प्रेम सी एक दूसरों ख गरो लगाय क आपस म नमस्कार करो।
21मय पौलुस को अपनो हाथ को लिख्यो हुयो नमस्कार।
22यदि कोयी प्रभु सी प्रेम नहीं रखय त ओको पर हाय।
हे हमरो प्रभु, आव!
23प्रभु यीशु को अनुग्रह तुम पर होतो रहे।
24मोरो प्रेम मसीह यीशु म तुम सब को संग रहे। आमीन।

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