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रोमियों 9:6-16

रोमियों 9:6-16 HINOVBSI

परन्तु यह नहीं कि परमेश्‍वर का वचन टल गया, इसलिये कि जो इस्राएल के वंश हैं, वे सब इस्राएली नहीं; और न अब्राहम के वंश होने के कारण सब उसकी सन्तान ठहरे, परन्तु (लिखा है) “इसहाक ही से तेरा वंश कहलाएगा।” अर्थात् शरीर की सन्तान परमेश्‍वर की सन्तान नहीं, परन्तु प्रतिज्ञा की सन्तान वंश गिने जाते हैं। क्योंकि प्रतिज्ञा का वचन यह है : “मैं इस समय के अनुसार आऊँगा, और सारा के पुत्र होगा।” और केवल यही नहीं, परन्तु जब रिबका भी एक से अर्थात् हमारे पिता इसहाक से गर्भवती थी, और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्होंने कुछ भला या बुरा किया था; इसलिये कि परमेश्‍वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण नहीं परन्तु बुलानेवाले के कारण है, बनी रहे : उसने कहा, “जेठा छोटे का दास होगा।” जैसा लिखा है, “मैं ने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना।” इसलिये हम क्या कहें? क्या परमेश्‍वर के यहाँ अन्याय है? कदापि नहीं। क्योंकि वह मूसा से कहता है, “मैं जिस किसी पर दया करना चाहूँ उस पर दया करूँगा, और जिस किसी पर कृपा करना चाहूँ उसी पर कृपा करूँगा।” अत: यह न तो चाहनेवाले की, न दौड़नेवाले की परन्तु दया करनेवाले परमेश्‍वर की बात है।