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जकर्याह 3

3
महायाजक से सम्बन्धित दर्शन
1फिर उसने यहोशू महायाजक को यहोवा के दूत के सामने खड़ा हुआ मुझे दिखाया, और शैतान उसकी दाहिनी ओर उसका विरोध करने को खड़ा था।#एज्रा 5:2; प्रका 12:10 2तब यहोवा ने शैतान से कहा, “हे शैतान, यहोवा तुझ को घुड़के! यहोवा जो यरूशलेम को अपना लेता है, वही तुझे घुड़के!#यहू 9 क्या यह आग से निकाली हुई लुकटी सी नहीं है?” 3उस समय यहोशू तो दूत के सामने मैला वस्त्र पहिने हुए खड़ा था। 4तब दूत ने उनसे जो सामने खड़े थे कहा, “इसके ये मैले वस्त्र उतारो।” फिर उसने उससे कहा, “देख, मैं ने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहिना देता हूँ।” 5तब मैं ने कहा, “इसके सिर पर एक शुद्ध पगड़ी रखी जाए।” अत: उन्होंने उसके सिर पर याजक के योग्य शुद्ध पगड़ी रखी, और उसको वस्त्र पहिनाए; उस समय यहोवा का दूत पास खड़ा रहा।
6तब यहोवा के दूत ने यहोशू को चिताकर कहा, 7“सेनाओं का यहोवा तुझ से यों कहता है : यदि तू मेरे मार्गों पर चले, और जो कुछ मैं ने तुझे सौंप दिया है उसकी रक्षा करे, तो तू मेरे भवन का न्यायी और मेरे आँगनों का रक्षक होगा; और मैं तुझ को इनके बीच में आने जाने दूँगा जो पास खड़े हैं। 8हे यहोशू महायाजक, तू सुन ले, और तेरे भाईबन्धु जो तेरे सामने खड़े हैं वे भी सुनें, क्योंकि वे मनुष्य शुभ शकुन हैं : सुनो, मैं अपने दास शाख#3:8 या डाली को प्रगट करूँगा।#यिर्म 23:5; 33:15; जक 6:12 9उस पत्थर को देख जिसे मैं ने यहोशू के आगे रखा है, उस एक ही पत्थर के ऊपर सात आँखें बनी हैं, सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, देख, मैं उस पत्थर पर खोद देता हूँ, और इस देश के अधर्म को एक ही दिन में दूर कर दूँगा। 10उसी दिन तुम अपने अपने भाईबन्धुओं को दाखलता और अंजीर के वृक्ष के नीचे आने के लिये बुलाओगे,#मीका 4:4 सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।”

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