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ओबद्याह 1:8-15

ओबद्याह 1:8-15 HINOVBSI

यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं उस समय एदोम में से बुद्धिमानों को, और एसाव के पहाड़ में से चतुराई को नष्‍ट न करूँगा? हे तेमान, तेरे शूरवीरों का मन कच्‍चा हो जाएगा, और यों एसाव के पहाड़ पर का हर एक पुरुष घात होकर नष्‍ट हो जाएगा। हे एसाव, उस उपद्रव के कारण जो तू ने अपने भाई याक़ूब पर किया, तू लज्जा से ढँपेगा; और सदा के लिये नाश हो जाएगा। जिस दिन परदेशी लोग उसकी धन सम्पत्ति छीनकर ले गए, और पराए लोगों ने उसके फाटकों से घुसकर यरूशलेम पर चिट्ठी डाली, उस दिन तू भी उन में से एक था। परन्तु तुझे उचित नहीं था कि तू अपने भाई के दिन में, अर्थात् उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदियों के विनाश के दिन उनके ऊपर आनन्द करता, और उनके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता। तुझे उचित नहीं था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक में घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी दुर्दशा को देखता रहता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन सम्पत्ति पर हाथ लगाता। तुझे उचित नहीं था कि तिरमुहाने पर उसके भागनेवालों को मार डालने के लिये खड़ा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकड़ाता। क्योंकि सारी जातियों पर यहोवा के दिन का आना निकट है। जैसा तू ने किया है, वैसा ही तुझ से भी किया जाएगा, तेरा व्यवहार लौटकर तेरे ही सिर पर पड़ेगा।

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