गिनती 20:2-22
गिनती 20:2-22 HINOVBSI
वहाँ मण्डली के लोगों के लिये पानी न मिला; इसलिये वे मूसा और हारून के विरुद्ध इकट्ठे हुए। और लोग यह कहकर मूसा से झगड़ने लगे, “भला होता कि हम उस समय ही मर गए होते जब हमारे भाई यहोवा के सामने मर गए! और तुम यहोवा की मण्डली को इस जंगल में क्यों ले आए हो कि हम अपने पशुओं समेत यहाँ मर जाएँ? और तुम ने हम को मिस्र से क्यों निकालकर इस बुरे स्थान में पहुँचाया है? वहाँ तो बीज, या अंजीर, या दाखलता, या अनार, कुछ नहीं है, यहाँ तक कि पीने को कुछ पानी भी नहीं है।” तब मूसा और हारून मण्डली के सामने से मिलापवाले तम्बू के द्वार पर जाकर अपने मुँह के बल गिरे। और यहोवा का तेज उनको दिखाई दिया। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “उस लाठी को ले, और तू अपने भाई हारून समेत मण्डली को इकट्ठा करके उनके देखते उस चट्टान से बातें कर, तब वह अपना जल देगी; इस प्रकार से तू चट्टान में से उनके लिये जल निकाल कर मण्डली के लोगों और उनके पशुओं को पिला।” यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने उसके सामने से लाठी को ले लिया। मूसा और हारून ने मण्डली को उस चट्टान के सामने इकट्ठा किया, तब मूसा ने उस से कहा, “हे दंगा करनेवालो, सुनो; क्या हम को इस चट्टान में से तुम्हारे लिये जल निकालना होगा?” तब मूसा ने हाथ उठाकर लाठी चट्टान पर दो बार मारी; और उसमें से बहुत पानी फूट निकला, और मण्डली के लोग अपने पशुओं समेत पीने लगे। परन्तु मूसा और हारून से यहोवा ने कहा, “तुम ने जो मुझ पर विश्वास नहीं किया, और मुझे इस्राएलियों की दृष्टि में पवित्र नहीं ठहराया, इसलिये तुम इस मण्डली को उस देश में पहुँचाने न पाओगे जिसे मैं ने उन्हें दिया है।” उस सोते का नाम मरीबा पड़ा, क्योंकि इस्राएलियों ने यहोवा से झगड़ा किया था, और वह उनके बीच पवित्र ठहराया गया। फिर मूसा ने कादेश से एदोम के राजा के पास दूत भेजे, “तेरा भाई इस्राएल यों कहता है : हम पर जो जो क्लेश पड़े हैं वह तू जानता होगा; अर्थात् यह कि हमारे पुरखा मिस्र में गए थे, और हम मिस्र में बहुत दिन रहे; और मिस्रियों ने हमारे पुरखाओं के साथ और हमारे साथ भी बुरा बर्ताव किया; परन्तु जब हम ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने हमारी सुनी, और एक दूत को भेजकर हमें मिस्र से निकाल ले आया है; इसलिये अब हम कादेश नगर में हैं जो तेरी सीमा ही पर है। अत: हमें अपने देश में से होकर जाने दे। हम किसी खेत या दाख की बारी से होकर न चलेंगे, और कुओं का पानी न पीएँगे; सड़क–सड़क होकर चले जाएँगे, और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएँ, तब तक न दाहिने न बाएँ मुड़ेंगे।” परन्तु एदोमियों ने उसके पास कहला भेजा, “तू मेरे देश में से होकर मत जा, नहीं तो मैं तलवार लिये हुए तेरा सामना करने को निकलूँगा।” इस्राएलियों ने उसके पास फिर कहला भेजा, “हम सड़क ही सड़क चलेंगे, और यदि हम और हमारे पशु तेरा पानी पीएँ, तो उसका दाम देंगे, हम को और कुछ नहीं, केवल पाँव पाँव चलकर निकल जान दे।” परन्तु उसने कहा, “तू आने न पाएगा।” और एदोम बड़ी सेना लेकर भुजबल से उसका सामना करने को निकल आया। इस प्रकार एदोम ने इस्राएल को अपने देश के भीतर से होकर जाने देने से इन्कार किया; इसलिये इस्राएली उसकी ओर से मुड़ गए। तब इस्राएलियों की सारी मण्डली कादेश से कूच करके होर नामक पहाड़ के पास आ गई।