मरकुस 5:1, 2, 3, 4, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20
मरकुस 5:2 HINOVBSI
जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिसमें अशुद्ध आत्मा थी, कब्रों से निकलकर उसे मिला।
मरकुस 5:4 HINOVBSI
क्योंकि वह बार बार बेड़ियों और साँकलों से बाँधा गया था, पर उसने साँकलों को तोड़ दिया और बेड़ियों के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे, और कोई उसे वश में नहीं कर सकता था।
मरकुस 5:7 HINOVBSI
और ऊँचे शब्द से चिल्लाकर कहा, “हे यीशु, परमप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम ? मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूँ कि मुझे पीड़ा न दे।”
मरकुस 5:9 HINOVBSI
उसने उससे पूछा, “तेरा क्या नाम है?” उसने उससे कहा, “मेरा नाम सेना है; क्योंकि हम बहुत हैं।”
मरकुस 5:13 HINOVBSI
अत: उसने उन्हें आज्ञा दी और अशुद्ध आत्मा निकलकर सूअरों के भीतर पैठ गईं और झुण्ड, जो कोई दो हज़ार का था, कड़ाड़े पर से झपटकर झील में जा पड़ा और डूब मरा।
मरकुस 5:14 HINOVBSI
उनके चरवाहों ने भागकर नगर और गाँवों में समाचार सुनाया, और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए।
मरकुस 5:15 HINOVBSI
यीशु के पास आकर वे उसको जिसमें दुष्टात्माएँ थीं, अर्थात् जिसमें सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देखकर डर गए।
मरकुस 5:16 HINOVBSI
देखनेवालों ने उसका, जिसमें दुष्टात्माएँ थीं, और सूअरों का पूरा हाल उनको कह सुनाया।
मरकुस 5:18 HINOVBSI
जब वह नाव पर चढ़ने लगा तो वह जिसमें पहले दुष्टात्माएँ थीं, उससे विनती करने लगा, “मुझे अपने साथ रहने दे।”
मरकुस 5:19 HINOVBSI
परन्तु उसने उसे आज्ञा न दी, और उससे कहा, “अपने घर जाकर अपने लोगों को बता कि तुझ पर दया करके प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।”
मरकुस 5:20 HINOVBSI
वह जाकर दिकापुलिस में इस बात का प्रचार करने लगा कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े काम किए; और सब लोग अचम्भा करते थे।