YouVersion Logo
Search Icon

मरकुस 11:19-33

मरकुस 11:19-33 HINOVBSI

साँझ होते ही वे नगर से बाहर चले गए। फिर भोर को जब वे उधर से जाते थे तो उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ तक सूखा हुआ देखा। पतरस को वह बात स्मरण आई, और उसने उससे कहा, “हे रब्बी, देख! यह अंजीर का पेड़ जिसे तू ने स्राप दिया था, सूख गया है।” यीशु ने उस को उत्तर दिया, “परमेश्‍वर पर विश्‍वास रखो। मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो कोई इस पहाड़ से कहे, ‘तू उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़,’ और अपने मन में सन्देह न करे, वरन् प्रतीति करे कि जो कहता हूँ वह हो जाएगा, तो उसके लिये वही होगा। इसलिये मैं तुम से कहता हूँ कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माँगो, तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा। और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो तो यदि तुम्हारे मन में किसी के प्रति कुछ विरोध हो, तो क्षमा करो : इसलिये कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे। [और यदि तुम क्षमा न करो तो तुम्हारा पिता भी जो स्वर्ग में है, तुम्हारा अपराध क्षमा न करेगा।”] वे फिर यरूशलेम में आए, और जब वह मन्दिर में टहल रहा था तो प्रधान याजक और शास्त्री और पुरनिए उसके पास आकर पूछने लगे, “तू ये काम किस अधिकार से करता है? और यह अधिकार तुझे किस ने दिया है कि तू ये काम करे?” यीशु ने उनसे कहा, “मैं भी तुम से एक बात पूछता हूँ; मुझे उत्तर दो तो मैं तुम्हें बताऊँगा कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ। यूहन्ना का बपतिस्मा क्या स्वर्ग की ओर से था या मनुष्यों की ओर से था। मुझे उत्तर दो।” तब वे आपस में विवाद करने लगे कि यदि हम कहें ‘स्वर्ग की ओर से,’ तो वह कहेगा, ‘फिर तुम ने उसकी प्रतीति क्यों नहीं की?’ और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तो लोगों का डर है, क्योंकि सब जानते हैं कि यूहन्ना सचमुच भविष्यद्वक्‍ता था। अत: उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं भी तुम को नहीं बताता कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ।”

Free Reading Plans and Devotionals related to मरकुस 11:19-33