YouVersion Logo
Search Icon

लूका 4:31-44

लूका 4:31-44 HINOVBSI

फिर वह गलील के कफरनहूम नगर को गया; और सब्त के दिन लोगों को उपदेश दे रहा था। वे उस के उपदेश से चकित हो गए क्योंकि उसका वचन अधिकार सहित था। आराधनालय में एक मनुष्य था, जिसमें अशुद्ध आत्मा थी। वह ऊँचे स्वर से चिल्‍ला उठा, “हे यीशु नासरी, हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें नष्‍ट करने आया है? मैं तुझे जानता हूँ तू कौन है? तू परमेश्‍वर का पवित्र जन है!” यीशु ने उसे डाँटकर कहा, “चुप रह, और उसमें से निकल जा!” तब दुष्‍टात्मा उसे बीच में पटककर बिना हानि पहुँचाए उसमें से निकल गई। इस पर सब को अचम्भा हुआ, और वे आपस में बातें करके कहने लगे, “यह कैसा वचन है? क्योंकि वह अधिकार और सामर्थ्य के साथ अशुद्ध आत्माओं को आज्ञा देता है, और वे निकल जाती हैं।” इस प्रकार चारों ओर हर जगह उसकी चर्चा होने लगी। वह आराधनालय में से उठकर शमौन के घर में गया। शमौन की सास को ज्‍वर चढ़ा हुआ था, और उन्होंने उसके लिये उससे विनती की। उसने उसके निकट खड़े होकर ज्‍वर को डाँटा और ज्‍वर उतर गया, और वह तुरन्त उठकर उनकी सेवा–टहल करने लगी। सूरज डूबते समय, जिन–जिन के यहाँ लोग नाना प्रकार की बीमारियों में पड़े हुए थे, वे सब उन्हें उसके पास ले आए, और उसने एक एक पर हाथ रखकर उन्हें चंगा किया। और दुष्‍टात्माएँ भी चिल्‍लाती और यह कहती हुई कि, “तू परमेश्‍वर का पुत्र है,” बहुतों में से निकल गईं। पर वह उन्हें डाँटता और बोलने नहीं देता था, क्योंकि वे जानती थीं कि वह मसीह है। जब दिन हुआ तो वह निकलकर एक सुनसान जगह में गया, और भीड़ की भीड़ उसे ढूँढ़ती हुई उसके पास आई, और उसे रोकने लगी कि वह उनके पास से न जाए। परन्तु उसने उनसे कहा, “मुझे अन्य नगरों में भी परमेश्‍वर के राज्य का सुसमाचार सुनाना अवश्य है, क्योंकि मैं इसी लिये भेजा गया हूँ।” और वह गलील के आराधनालयों में प्रचार करता रहा।

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy